
कराड। अमेरिका में चर्चित जेफरी एपस्टीन फाइलों को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने एक बार फिर बड़ा और सनसनीखेज दावा किया है। कराड में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि 19 दिसंबर को अमेरिकी कांग्रेस द्वारा सार्वजनिक की गई एपस्टीन फाइलों से भारतीय राजनीति पर गहरा असर पड़ सकता है और इस पूरे मामले पर भारत सरकार को स्पष्ट जवाब देना चाहिए। पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि 19 दिसंबर को एपस्टीन फाइलों से जुड़ी कुछ जानकारी सार्वजनिक की गई है, जबकि अमेरिका के अटॉर्नी जनरल के अनुसार पूरी फाइल को सार्वजनिक करने में अभी कुछ और हफ्ते लगेंगे। उन्होंने कहा कि फाइलों में लगभग 30,000 फोटो, ईमेल और अन्य डिजिटल डेटा शामिल है, जिसकी जांच अभी जारी है। चव्हाण के अनुसार अब तक सामने आई जानकारी में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का नाम सामने आया है। उन्होंने दावा किया कि एपस्टीन द्वारा भेजे गए एक ईमेल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी संदर्भ है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी, जो भारत के प्रधानमंत्री से मिलना चाहते थे, ने एपस्टीन को ईमेल किया था और कुछ दिनों बाद जवाब आया कि “मोदी तैयार हैं।” इससे कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं कि मोदी और एपस्टीन के बीच संपर्क कैसे और किसके माध्यम से हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एपस्टीन फाइलों में कई तस्वीरें मौजूद हैं और चूंकि इसमें खुद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी तस्वीरें बताई जा रही हैं, इसलिए इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि एपस्टीन फाइलों से जुड़ा बिल अमेरिकी संसद में भारतीय मूल के एक सांसद द्वारा पेश किया गया है, जिन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि सरकार पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं कर रही है। पृथ्वीराज चव्हाण ने आगे कहा कि फाइलों में एक पूर्व सांसद और बड़े उद्योगपति अनिल अंबानी का नाम भी सामने आया है। इसके अलावा अमेरिका में हेल्थ सेक्टर से जुड़े कुछ बड़े भारतीय मूल के लोगों का भी उल्लेख है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि किसी भी नाम के सामने आने का यह मतलब नहीं है कि उसने कोई अपराध किया है, लेकिन यह सवाल जरूर उठता है कि वे लोग एक सजायाफ्ता यौन अपराधी के संपर्क में कैसे आए। उन्होंने कहा कि एपस्टीन को वर्ष 2008-09 में यौन शोषण का दोषी ठहराया जा चुका था और यह पूरी दुनिया जानती थी कि वह एक अपराधी है। इसके बावजूद 2014 में मोदी से जुड़े संदर्भ सामने आना गंभीर सवाल पैदा करता है। उस समय हरदीप सिंह पुरी अमेरिका में भारत के राजदूत थे, ऐसे में उनका नाम आना भी जांच का विषय है। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह बच्चों के यौन शोषण से जुड़ा बेहद गंभीर मामला है और अमेरिका में इस पर गहन लड़ाई चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार का इस पूरे मामले पर चुप रहना चिंता का विषय है। उन्होंने मांग की कि एपस्टीन फाइलों में सामने आए सभी संदर्भों की निष्पक्ष जांच हो और सरकार देश को पूरी सच्चाई बताए। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी संसद ने एपस्टीन फाइलों के लिए एक अलग वेबसाइट बनाई है, जहां अब तक जारी की गई जानकारी डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध है। आने वाले हफ्तों में और भी खुलासे होने की संभावना है, जिसका असर भारतीय राजनीति पर पड़ सकता है।




