Wednesday, July 9, 2025
Google search engine
HomeUncategorizedमहाराष्ट्र की 56 प्रदूषित नदी घाटियों के पुनरुद्धार की तैयारी, पर्यावरण मंत्री...

महाराष्ट्र की 56 प्रदूषित नदी घाटियों के पुनरुद्धार की तैयारी, पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने विधान परिषद में दी जानकारी

मुंबई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा केंद्र सरकार की राष्ट्रीय जल गुणवत्ता मापन योजना के अंतर्गत किए गए सर्वेक्षण में महाराष्ट्र की 56 नदी घाटियों को प्रदूषित घोषित किया गया है। इस alarming रिपोर्ट को लेकर राज्य सरकार गंभीर कदम उठाने की तैयारी में है। पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री पंकजा मुंडे ने विधान परिषद में जानकारी दी कि इन प्रदूषित नदी घाटियों को पुनर्जीवित करने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किया जाएगा और इसके लिए जल्द ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ बैठक की जाएगी। यह विषय विधान परिषद में सदस्य रणजीतसिंह मोहिते-पाटिल द्वारा उठाए गए प्रश्न के उत्तर में सामने आया। चर्चा में ज्ञानेश्वर म्हात्रे, एकनाथ खडसे और प्रवीण दारेककर जैसे सदस्यों ने भी भाग लिया और चिंता जताई। पंकजा मुंडे ने बताया कि राज्य की नदियों के प्रदूषण के कई कारण हैं, जिनमें औद्योगिक अपशिष्ट, रासायनिक जल, और सीवेज का अवैज्ञानिक निस्तारण प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि इन कारणों का मूल्यांकन कर नदी तलों का वर्गीकरण किया जाएगा और विभिन्न विभागों की सहभागिता से पुनरुद्धार योजना लागू की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रसायन निर्माता कंपनियों के साथ पुनरीक्षण बैठकें आयोजित की जा रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रसायन युक्त जल नदियों में न छोड़ा जाए। उद्योग विभाग के सहयोग से जल शोधन की तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए उपचारित जल का निस्तारण किया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है और राज्य व केंद्र के संयुक्त प्रयासों से सफाई अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नाग, मुला-मुथा और चंद्रभागा नदियों की सफाई प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जबकि उल्हास और वालधुनी नदियों की सफाई कार्य भी शीघ्र आरंभ किया जाएगा।
इसके अलावा, जलगांव जिले की वेल्हाल झील में मिल रहे प्रदूषित जल की समस्या को लेकर पूछे गए उप-प्रश्न के उत्तर में उन्होंने आश्वासन दिया कि वरिष्ठ अधिकारी स्वयं निरीक्षण करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे। इस रिपोर्ट और सरकार के रुख से साफ है कि राज्य की नदियों की बिगड़ती सेहत को लेकर अब प्रशासन जागरूक हो गया है और जल, जीवन और पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में ठोस पहल की तैयारी कर रहा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments