
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने सभी विभागों को 150 दिन के लक्ष्य कार्यक्रम के तहत तेजी से ढांचागत सुधार, भर्ती नियमों में संशोधन और अनुकंपा आधार पर 100 प्रतिशत भर्ती का लक्ष्य निर्धारित किया है। विधानसभा में इस संदर्भ में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा करते हुए कहा कि इन लक्ष्यों को पूरा करने के बाद सरकार राज्य भर में रिक्त पदों की सटीक गणना कर ‘मेगा भर्ती’ अभियान चलाएगी। यह घोषणा उस समय की गई जब विधानसभा सदस्य भीमराव केराम ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग की रिक्तियों को लेकर एक अहम सुझाव प्रस्तुत किया। इस विषय पर चर्चा के दौरान डॉ. नितिन राऊत, नाना पटोले, भास्कर जाधव और सुरेश धास जैसे वरिष्ठ सदस्यों ने भी उप-प्रश्न उठाए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि राज्य में पूर्व में घोषित 75,000 पदों की भर्ती प्रक्रिया में से अनुसूचित जनजाति वर्ग में 6,860 पद ऐसे हैं जिन पर कार्यरत कर्मचारी जाति वैधता प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर सके हैं, हालांकि वे इन पदों पर 20 वर्ष या अधिक समय से सेवा में हैं। सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए निर्णय लिया है कि इन पदों को निरर्थक (डेम्ड) घोषित किया जाएगा। ऐसे कर्मचारी न पदोन्नति के पात्र होंगे और न ही उन्हें हटाया जाएगा, लेकिन उनके कार्यकाल की समाप्ति के बाद वे पद स्वतः समाप्त हो जाएंगे। फडणवीस ने आश्वासन दिया कि अनुसूचित जनजाति वर्ग में बिंदु सूची के अनुसार एक भी आरक्षित पद खाली नहीं रखा जाएगा। वर्तमान में इस वर्ग के लिए आरक्षित 6,860 पदों में से 1,343 पदों पर भर्ती हो चुकी है और शेष पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है। साथ ही, सरकार जाति वैधता प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और तेज़ बनाने हेतु ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग कर प्रमाण-पत्र सत्यापन प्रक्रिया को डिजिटाइज़ करने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जाति वैधता प्रमाण-पत्र समितियों को सशक्त किया जा रहा है और इसके साथ ही एक सचिवों का समूह भी गठित किया गया है, जो इस संबंध में अध्ययन कर सुधारात्मक कदम सुझाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तराधिकार के माध्यम से सफाई कर्मियों की नियुक्तियों पर लगी रोक हटाए जाने के बाद, लाड-पेज समिति की सिफारिशों के अनुरूप इस प्रक्रिया को पुनः लागू किया जाएगा। अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्राकृतिक न्याय, सामाजिक समावेश और पारदर्शी प्रशासन के सिद्धांतों पर काम कर रही है, और अनुसूचित जनजाति वर्ग सहित सभी वंचित वर्गों को उनका संवैधानिक हक देने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, लोक निर्माण विभाग में एसटी वर्ग के लिए आरक्षित पदों पर भी शीघ्र भर्ती की जाएगी।