
मुंबई। मुंबई में मानसून आने से पहले बीएमसी ने नालों की सफाई और गाद निकालने का सबसे महत्वपूर्ण कार्य शुरू कर दिया है। इस अभियान का केंद्रबिंदु विवादास्पद मीठी नदी है, जो पूर्वी से पश्चिमी उपनगरों तक फैली हुई है और वर्षों से बाढ़ का प्रमुख कारण रही है। बीएमसी के अतिरिक्त नगर आयुक्त अभिजीत बांगर ने गुरुवार को पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी तौल पुलों पर सीसीटीवी लगाने, गाद निष्कासन का सटीक डेटा दर्ज करने और इंजीनियरों को साइट पर तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल गाद हटाना ही नहीं, बल्कि बाढ़ को रोकना ही मुख्य उद्देश्य है। मीठी नदी को लेकर पहले अनुचित गाद निष्कासन और बाद में 1,100 करोड़ रुपये के ‘डिसिल्टिंग घोटाले’ के कारण यह नदी चर्चा में रही है। अब आर्थिक अपराध शाखा (EOW) इसकी जांच कर रही है, जिसमें ठेकेदारों से पूछताछ, अनुबंधों की समीक्षा और मलबा हटाने के सबूत जुटाने की प्रक्रिया जारी है। बांगर ने मीठी नदी का कार्य 31 मई तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बीकेसी, सोमैया नाला, मेघराज जंक्शन और माहुल खाड़ी नाले का निरीक्षण किया, जहाँ बॉक्स ड्रेन निर्माण और रोबोटिक सफाई कार्यों को मानसून से पहले पूर्ण करने के आदेश दिए गए हैं। इन प्रयासों से तिलक नगर, नेहरू नगर, राहुल नगर, कामगार नगर जैसे क्षेत्रों में जलभराव की समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है।