Sunday, December 21, 2025
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सतारा ड्रग्स केस पर सियासी भूचाल, शिंदे परिवार से जुड़े होने का आरोप, अमित शाह से निष्पक्ष जांच की मांग

मुंबई। सतारा जिले के जवाली तालुका अंतर्गत सावरी गांव में मुंबई पुलिस की रेड में 45 किलो एमडी ड्रग्स की ज़ब्ती के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा तूफान खड़ा हो गया है। ज़ब्त किए गए ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अनुमानित कीमत करीब 145 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस मामले को लेकर शिवसेना (ठाकरे गुट) ने गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि ड्रग्स रैकेट के तार सीधे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के परिवार से जुड़े हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए ठाकरे गुट के सांसद अरविंद सावंत, प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि यह केवल एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि सत्ता और ड्रग्स माफिया के संभावित गठजोड़ से जुड़ा गंभीर राष्ट्रीय मुद्दा है। शिवसेना ठाकरे गुट की उपनेता सुषमा अंधारे ने इस प्रकरण में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के भाई प्रकाश शिंदे पर सीधा आरोप लगाया है। अंधारे का दावा है कि जिस शेड में एमडी ड्रग्स का निर्माण किया जा रहा था, वहां काम करने वाले तीन लोगों को जवाली तालुका स्थित प्रकाश शिंदे के होटल ‘तेज यश’ से नियमित रूप से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था। इस आरोप के बाद पुलिस प्रशासन और सत्ताधारी खेमे में हलचल तेज हो गई है। ठाकरे गुट के सांसद अरविंद सावंत ने कई सवाल उठाते हुए कहा कि जिस शेड में ड्रग्स का भंडारण किया गया था, वहां से तेज यश रिसॉर्ट तक सीधी सड़क क्यों बनाई गई। इस सड़क का उद्देश्य क्या था और इसे किसकी अनुमति से बनाया गया। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि तेज यश रिसॉर्ट कोयना डैम के प्रतिबंधित क्षेत्र में स्थित है और नियमों के अनुसार जलाशय से निर्धारित दूरी के भीतर किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं होती। इसके बावजूद यह रिसॉर्ट कैसे और किसके आदेश पर बना, यह सवाल भी उठाया गया है। पत्र में एक और गंभीर सवाल यह है कि जब इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स का निर्माण और परिवहन हो रहा था, तो स्थानीय सतारा पुलिस को इसकी भनक तक कैसे नहीं लगी। क्या राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई को नजरअंदाज किया गया, इसकी भी जांच की मांग की गई है। अरविंद सावंत ने मांग की है कि जब तक इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपने पद से हटाया जाए। उन्होंने कहा कि जब ड्रग्स जैसे गंभीर अपराध में सत्ताधारी परिवार का नाम सामने आता है, तो यह देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य से जुड़ा विषय बन जाता है। ड्रग्स केस की पृष्ठभूमि पर नजर डालें तो मुंबई पुलिस ने सबसे पहले मुलुंड इलाके में छापा मारकर कुछ मात्रा में नशीले पदार्थ जब्त किए थे। इसके बाद आरोपी विशाल मोरे को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने सतारा जिले के दुर्गम सावरी गांव में दो शेड पर छापा मारा, जहां से 45 किलो एमडी ड्रग्स का बड़ा जखीरा बरामद किया गया। फिलहाल यह मामला तेजी से राजनीतिक रंग ले चुका है और अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि केंद्र सरकार और जांच एजेंसियां इस पूरे प्रकरण में कितनी निष्पक्षता और सख्ती से कार्रवाई करती हैं।

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