मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी हलचल बढ़ी, निर्दलीयों पर बड़े दलों की नजर, आरएसएस चीफ से मिले फडणवीस
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मतदान खत्म होने के बाद विभिन्न सर्वे एजेंसियों का एग्जिट पोल सामने आये। अधिकांश में सत्तारूढ़ महायुति के फिर से सरकार बनाने का अनुमान जताया गया है, जबकि कई एग्जिट पोल में महाविकास आघाडी (एमवीए) को बहुमत के करीब दिखाया गया है। इसी पृष्ठभूमि में एमवीए दलों ने पासा फेंकना शुरू कर दिया है। अगर राज्य में किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिलता है तो निर्दलियों की भूमिका अहम हो सकती है। इसलिए अब महाविकास अघाड़ी ने बागियों और निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि दोनों प्रमुख गठबंधनों के नेताओं ने बगावत कर चुनाव लड़ने वाले और अन्य निर्दलियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचलें तेज होने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक, मतदान खत्म होने के बाद महाविकास अघाडी की अहम बैठक बुलाई गई है। उधर, महाविकास अघाड़ी के प्रमुख नेता गुरुवार सुबह से ही काम पर जुट गए हैं। कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट और एनसीपी (शरद पवार) नेता जयंत पाटिल की अगुवाई में उन बागियों से संपर्क किया जा रहा है, जो जीत सकते हैं।
उधर, एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से नागपुर में मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर चर्चा की गई।
हालांकि देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनकी तरफ से अभी तक किसी भी निर्दलीय उम्मीदवार से संपर्क नहीं किया गया है। इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ा है। इसलिए इस बढ़े हुए वोटों का फायदा किसे होगा, इसे लेकर कई तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। अगर महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच कांटे की टक्कर हुई और किसी को बहुमत नहीं मिला तो ऐसे में बहुमत के लिए जरूरी १४५ सीटों तक पहुंचने में निर्दलीय और बागी उम्मीदवारों की भूमिका सबसे ज्यादा अहम हो सकती है।
चूंकि बीजेपी केंद्र में सत्ता में है, इसलिए संभावना है कि निर्दलीय विधायकों का झुकाव स्वाभाविक रूप से महायुति की ओर होगा। इसे ध्यान में रखते हुए महाविकास अघाड़ी ने पहले ही निर्दलीय और बागियों के साथ संवाद करना शुरू कर दिया है।