
मुंबई। ड्रग्स कारोबार के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार सख्त है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अवैध कारोबार में संलिप्त पाए जाने वाले पुलिस कर्मियों को खिलाफ सख्त एक्शन की बात कही है। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस ने महाराष्ट्र को नशा मुक्त बनाने के लिए एक अभियान चलाया है। जिसके तहत हर जिले में नशे के अवैध कारोबार से जुड़े संदिग्ध स्थलों पर छापेमारी की जा रही है। ऐसे पुलिस कर्मियों को ना केवल निलंबित किए जाएगा बल्कि सेवा से बर्खास्त किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार को एक बड़ी लड़ाई लड़नी है, जो की राष्ट्रीय स्तर पर भी लड़ना शुरू कर दिया है। जब से महाराष्ट्र सरकार ने ड्रग्स तस्करी के खिलाफ अभियान छेड़ा है, काफी हद तक अंतरराज्यीय आवाजाही पर नजर रखी जा रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा, क्यूरेटेड दवाओं, नकली दवाओं की फैक्ट्रियों के बारे में पता चला जो लोगों को जहर खिला रही हैं। इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़े कानून लागू करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके अलावा, इस कारोबार में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को न सिर्फ निलंबित किया जाएगा बल्कि धारा 311 के तहत बर्खास्त करने भी कार्रवाई की जाएगी। ड्रग्स कारोबार से शिंदे सरकार के कथित संबंधों को लेकर विपक्ष के सवालों पर फड़णवीस ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मेरी राय है कि बिना सबूत के ऐसे आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है। ललित पाटिल के मामले में हमने देखा है कि उसे संरक्षण किसने दिया। ऐसे मामलों में राजनीतिक नेताओं को इस तरह के आरोप नहीं लगाने चाहिए। कथित मादक द्रव्य कारोबारी ललित पाटिल के पुणे के एक सरकारी अस्पताल से दो अक्टूबर को भागने के मामले में महाराष्ट्र गृह विभाग को निशाने पर लिया गया। दरअसल, पाटिल को कुछ दिनों पहले बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। पाटिल के फरार होने के बाद नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा था कि लगभग एक साल तक जेल में रहे पाटिल को अस्पताल में रहने के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग करते पाया गया था। इलाज के दौरान भी वह कथित तौर पर मादक पदार्थ की तस्करी कर रहा था।