
स्वास्थ्य सेवा और बीमा क्षेत्र को विशेष राहत
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घोषणा की कि आगामी जीएसटी सुधार भारत को आत्मनिर्भर बनाने और अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम हैं। उन्होंने इन्हें “अगली पीढ़ी” के बदलाव बताते हुए कहा कि यह सुधार न केवल नागरिकों के लिए अनुपालन को आसान बनाएंगे बल्कि इस दिवाली और छठ पूजा से पहले खुशियों का “दोहरा धमाका” भी साबित होंगे। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम करने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया जाए और महात्मा गांधी के स्वदेशी विचार को आगे बढ़ाया जाए। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरलीकृत जीएसटी व्यवस्था 22 सितंबर, नवरात्रि के पहले दिन से लागू होगी। उन्होंने कहा कि समय पर सुधार न होने के कारण देश वैश्विक परिदृश्य में अपना उचित स्थान नहीं ले पाया और अब इस दिशा में निर्णायक कदम उठाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने बच्चों की टॉफियों पर भी 21 प्रतिशत टैक्स लगाया था, जबकि वर्तमान सरकार ने कर ढांचे को सरल और लाभकारी बनाने की दिशा में काम किया है। जीएसटी 2.0 सुधारों में स्वास्थ्य सेवा और बीमा क्षेत्र को विशेष राहत दी गई है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर लगने वाला 18 प्रतिशत जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है, जिससे यह सेवाएं अधिक किफायती और सुलभ होंगी। इसके अलावा, थर्मामीटर, मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन, सभी डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर, टेस्ट स्ट्रिप्स और सुधारात्मक चश्मों जैसी आवश्यक चिकित्सा वस्तुओं पर जीएसटी दरें 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये सुधार गरीब, नव मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग की महिलाएं, छात्र, किसान और युवाओं सभी को लाभान्वित करेंगे। उन्होंने इसे 21वीं सदी के भारत के लिए समर्थन और विकास की “दोहरी खुराक” बताया और विश्वास जताया कि आगामी धनतेरस का पर्व इन बदलावों से और भी रौनकपूर्ण होगा।