
मुंबई। महाराष्ट्र राज्य वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने 20.20 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए सूर्या एंटरप्राइजेज के मालिक निखिल नरेश वालेचा (उम्र 28 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई विभाग द्वारा फर्जी चालानों और कर चोरी के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष जांच अभियान के तहत की गई। विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि मेसर्स सूर्या एंटरप्राइजेज, जो 8 सितंबर 2021 को जीएसटी के तहत पंजीकृत हुई थी, ने बिना किसी वास्तविक वस्तु या सेवा के आदान-प्रदान के फर्जी चालानों के आधार पर आईटीसी प्राप्त किया। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि निखिल वालेचा ने 17.03 करोड़ रुपये का फर्जी आईटीसी गैर-मौजूद संस्थाओं के माध्यम से हासिल किया और 3.03 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ITC झूठे लेनदेन दिखाकर जीएसटी रिटर्न में दर्ज किया। जब विभागीय अधिकारी व्यवसाय के पंजीकृत पते पर पहुँचे, तो पाया गया कि उस स्थान पर कोई वास्तविक व्यावसायिक गतिविधि नहीं हो रही थी। यह स्पष्ट हो गया कि यह एक शेल फर्म थी, जिसका इस्तेमाल केवल कागज़ी लेनदेन और फर्जी आईटीसी हासिल करने के लिए किया गया था।
न्यायिक हिरासत और आगामी कार्रवाई
उल्हासनगर के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने निखिल वालेचा को 30 जुलाई, 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। विभाग के अनुसार यह चालू वित्त वर्ष 2025-26 में फर्जी आईटीसी मामले में की गई पाँचवीं गिरफ्तारी है।
वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में चला ऑपरेशन
यह पूरी कार्रवाई राज्य कर सहायक आयुक्त संतोष लोंढे, कर अधिकारियों दीप्ति पिलारे, सुजीत कक्कड़, संतोष खेडकर सहित निरीक्षकों और कर सहायकों की विशेष टीम की देखरेख में की गई। संपूर्ण जांच राज्य कर (जांच-सी) मुंबई के संयुक्त आयुक्त के आदेश और राज्य कर उपायुक्त यास्मीन अजीम मोलकर के मार्गदर्शन में संपन्न हुई। राज्य जीएसटी विभाग ने स्पष्ट किया है कि वह फर्जी चालानों, कर चोरी, गलत व्यापारिक गतिविधियों और अवैध रूप से आईटीसी प्राप्त करने या स्थानांतरित करने जैसी आर्थिक धोखाधड़ियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखेगा। विभाग का लक्ष्य ऐसे संगठित कर-चोर गिरोहों को चिन्हित कर राजस्व हानि को रोकना है।