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मुंबई। सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश आबिटकर ने निर्देश दिया है कि धर्मादाय ट्रस्ट अधिनियम के तहत पंजीकृत अस्पतालों को गरीब और कमजोर वर्ग के मरीजों के लिए कुल 20 प्रतिशत बिस्तर आरक्षित करना अनिवार्य होगा। इसमें से 10 प्रतिशत बिस्तर गरीब मरीजों और 10 प्रतिशत बिस्तर कमजोर वर्ग के मरीजों के लिए होंगे। यह निर्देश धर्मादाय ट्रस्ट अधिनियम के तहत पंजीकृत अस्पतालों के कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान दिया गया, जिसमें वित्त और नियोजन राज्य मंत्री आशिष जयस्वाल, विधि और न्याय विभाग के उपसचिव विलास खांडबहाले, अवर सचिव (विधि) आर.डी. कस्तुरे और मुख्यमंत्री सहायता कक्ष के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामेश्वर नाईक भी उपस्थित थे। मंत्री प्रकाश आबिटकर ने कहा कि धर्मादाय ट्रस्ट के तहत आने वाले अस्पतालों को गरीब और कमजोर वर्ग के मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तर पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इन अस्पतालों के माध्यम से गरीब और कमजोर वर्ग के मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जानी चाहिए। वित्त और नियोजन राज्य मंत्री आशिष जयस्वाल ने इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अन्य अस्पतालों को भी इसके दायरे में लाने का सुझाव दिया, ताकि अधिक से अधिक गरीब और कमजोर वर्ग के मरीज इस आरक्षण योजना का लाभ उठा सकें।