
मुंबई। मंगलवार को सरकार ने बॉम्बे उच्च न्यायालय को सूचित किया कि अवैध रूप से विशाल होर्डिंग्स लगाने के लिए अनुमति देने वाली ग्राम पंचायतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी 26 नवंबर के सरकारी संकल्प (जीआर) के तहत, सभी ग्राम पंचायतों को ऐसी अनुमति देने से मना किया गया है और उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
उच्च न्यायालय का निर्देश और जीआर का पालन
अगस्त में उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर यह जीआर जारी किया गया है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ग्राम पंचायत अधिनियम, 1959 के तहत ग्राम पंचायतों को अपने क्षेत्र में विज्ञापन होर्डिंग्स के लिए अनुमति देने या अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार नहीं है। इसके अलावा, अनाधिकृत होर्डिंग्स को तत्काल हटाने और इन निर्देशों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया गया है। अतिरिक्त सरकारी वकील सविना क्रैस्टो ने जस्टिस अजय गडकरी और कमल खता की पीठ को जीआर की प्रति के साथ एक हलफनामा पेश किया। क्रैस्टो ने अदालत को आश्वासन दिया कि अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
त्रासदी और अवैध होर्डिंग्स पर ध्यान
मई 2024 में घाटकोपर में एक विशालकाय होर्डिंग के गिरने से 17 लोगों की मौत और 70 से अधिक लोग घायल हुए थे। भारी बारिश और हवाओं के कारण हुई इस घटना ने बीएमसी और अन्य एजेंसियों को अवैध होर्डिंग्स पर कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) और सिडको ने नवी मुंबई और अन्य स्थानों पर होर्डिंग मालिकों को नोटिस जारी कर अनधिकृत होर्डिंग्स हटाने का निर्देश दिया।
विवाद और न्यायालय की भूमिका
इस मुद्दे पर होर्डिंग मालिकों और विज्ञापन एजेंसियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने ग्राम पंचायतों से मिली अनुमति का हवाला दिया। हालांकि, उच्च न्यायालय ने राहत देने से इनकार कर दिया और नियोजन अधिकारियों को अवैध होर्डिंग्स को गिराने का अधिकार दिया। जब मालिकों ने स्वयं होर्डिंग्स नहीं हटाए, तो एजेंसियों ने अगस्त के अंत तक इन पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया। इस जीआर में राज्य की सभी ग्राम पंचायतों को अवैध विज्ञापन बोर्ड और होर्डिंग्स को हटाने का आदेश दिया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश न केवल अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए भी एक आवश्यक कदम है।