
नई दिल्ली: (Online Gaming) केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में आनलाइन गेमिंग को लेकर आईटी रूल्स में किए गए संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को ट्रोजन हॉर्स करार दिया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को इस मामले पर विस्तृत जानकारी कोर्ट में रखने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने आईटी रूल्स में कोर्ट के आदेश के मुताबिक संशोधित किया है। ये याचिका फर्जी किस्म की है और याचिकाकर्ता आईटी रूल्स का पालन नहीं करना चाहता है। ये याचिका ट्रोजन हॉर्स की तरह के एक वायरस की तरह है, जो बिना पता चले कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है। आईटी रूल्स में संशोधन अंतर-मंत्रालयी कमेटी, नीति आयोग के सीईओ और कैबिनेट सचिव की सलाह के बाद किया गया है।
याचिका में आनलाइन गेमिंग को लेकर आईटी रूल्स में किए गए संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। याचिका एनजीओ सोशल आर्गनाइजेशन फॉर क्रिएटिंग ह्युमैनिटी ने दायर की है। सात जुलाई को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अक्षत गुप्ता ने कहा था कि आनलाइन गेमिंग को लेकर आईटी रूल्स में किया गया संशोधन केंद्र की विधायी परिधि से बाहर का है। संविधान की सातवीं अनुसूची की एंट्री 34 में सट्टा पर कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार को दिया गया है।
याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए इस संशोधन से आनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने वाली एजेंसियों में भ्रम है, क्योंकि अब दो किस्म के कानून सामने हैं। आनलाइन गेमिंग पर केंद्र का कानून चलेगा कि राज्य का, इसे लेकर भ्रम है। आईटी एक्ट में कहीं भी आनलाइन गेमिंग को परिभाषित नहीं किया गया है। यहां तक कि आनलाइन गेमिंग चलाने वाले प्लेटफार्म को मध्यवर्ती भी नहीं बताया गया है।