
पंढरपुर। आषाढ़ शुद्ध एकादशी के पावन अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी पत्नी अमृता फडणवीस के साथ पंढरपुर स्थित श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर में शासकीय महापूजा संपन्न की। उनके साथ नाशिक के वारकरी दंपती कैलास उगले और कल्पना उगले भी पूजा में सहभागी रहे। मुख्यमंत्री ने राज्य की सुख-शांति, किसानों की समृद्धि और समाज में सद्मार्ग पर चलने की प्रार्थना पांडुरंग से की। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस वर्ष की वारी में लाखों वारकरियों की भागीदारी ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। खास बात यह रही कि बड़ी संख्या में युवा पैदल चलकर दर्शन के लिए पहुंचे। शासन और प्रशासन द्वारा किए गए इंतज़ामों की सराहना करते हुए उन्होंने बताया कि पालकमंत्री जयकुमार गोरे के नेतृत्व में जर्मन हैंगर जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं, जिससे वारकरियों को सुविधा और स्वच्छता दोनों प्राप्त हुईं। फडणवीस ने कहा, “वारी एक ऐसी परंपरा है जिसमें हर व्यक्ति दूसरों में पांडुरंग को देखता है। यह अद्वितीय संस्कृति केवल महाराष्ट्र में ही नहीं, पूरे संसार में विरल है। उन्होंने वारी को ‘भागवत धर्म का जीवंत ध्वज’ बताया और कहा कि हरिनाम संकीर्तन के साथ जो ऊर्जा मिलती है, वह समाज को एकता, समर्पण और भक्ति का संदेश देती है। मुख्यमंत्री ने इस वर्ष की ‘निर्मल वारी’ पहल की विशेष सराहना की, जिसमें स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश प्रभावी रूप से दिया गया। उन्होंने कहा कि संतों के स्वच्छता संदेश को इस बार की वारी में पूरी तरह आत्मसात किया गया और इसे हरित वारी के रूप में भी पहचान मिली। इस अवसर पर उपस्थित मान्यवरों में जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन, विधायक समाधान आवताडे, विधायक रणजीतसिंह मोहिते पाटील, विधायक सचिन कल्याणशेट्टी, विभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंडवार, जिलाधिकारी कुमार आशीर्वाद, मंदिर समिति के सह-अध्यक्ष गहिनीनाथ महाराज औसेकर और कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र शेलके सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि इस बार पालकमंत्री और जिला प्रशासन द्वारा वीआईपी दर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया, जिससे आम श्रद्धालुओं को विठ्ठल दर्शन के लिए पांच घंटे अतिरिक्त समय प्राप्त हुआ। उन्होंने वारकरियों की श्रद्धा, अनुशासन और सहयोग भावना की प्रशंसा की और भरोसा जताया कि राज्य की भौतिक प्रगति के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति भी सुनिश्चित की जाएगी। महापूजा के उपरांत वारकरी दंपती उगले परिवार को मुख्यमंत्री एवं श्रीमती फडणवीस के हाथों सम्मानित किया गया और एसटी महामंडल की ओर से उन्हें पूरे वर्ष के लिए नि:शुल्क एसटी पास प्रदान किया गया। इस आयोजन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि आषाढ़ी वारी न केवल श्रद्धा का पर्व है, बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक भी है।
