
मुंबई। पालघर जिले की जव्हार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न तकनीकी समस्याओं के कारण बैंक के कामकाज पर असर पड़ने की स्थिति बन गई है। मंगलवार को इस संबंध में बैंक अधिकारियों ने सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटील से भर्ती प्रक्रिया की कुछ शर्तों में बदलाव करने का अनुरोध किया। बैठक के दौरान मंत्री पाटील ने अधिकारियों को इस विषय पर संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। जव्हार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में कनिष्ठ लिपिक (जूनियर क्लर्क) के 15 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शासन-मान्य संस्था के माध्यम से पूरी की गई थी। हालांकि, पूरी प्रक्रिया के बाद तीन चयनित उम्मीदवारों ने सेवा स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जबकि अंतिम चयन के बावजूद दो अन्य उम्मीदवारों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। नियमों के अनुसार प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों को मौका दिया गया, लेकिन वहां भी यही स्थिति दोहराई गई। इसके चलते वर्तमान में बैंक में केवल सात कनिष्ठ लिपिक ही कार्यरत हैं। बैंक प्रशासन ने आशंका जताई है कि कर्मचारियों की कमी के कारण दैनिक बैंकिंग कार्य, ग्राहक सेवा और ऋण वसूली प्रभावित हो सकती है। इसी पृष्ठभूमि में सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटील के कार्यालय में आयोजित बैठक में बैंक अधिकारियों ने भर्ती से जुड़े कुछ मानकों में बदलाव की मांग रखी। वर्तमान सरकारी नियमों के अनुसार, रिक्त पदों की भर्ती के लिए प्रत्येक संवर्ग की अंतिम मेरिट सूची तैयार की जाती है और उसके आधार पर रिक्त पदों की संख्या के 20 प्रतिशत उम्मीदवारों की प्रतीक्षा सूची शासन-मान्य संस्था द्वारा तैयार की जाती है। यह प्रतीक्षा सूची नियुक्ति के पहले आदेश की तिथि से 365 दिनों तक वैध रहती है। बैंक की ओर से इस सीमा को बढ़ाकर रिक्त पदों के 50 प्रतिशत तक करने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में मंत्री पाटील ने संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इस बैठक में सहकारिता विभाग के सह-सचिव संतोष पाटील, जव्हार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष आसिफ लुलानिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रसाद मुकणे, कोकण विभाग के विभागीय सह-निबंधक भालेराव सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।




