Saturday, September 6, 2025
Google search engine
HomeUncategorizedअब बिहार में नीति और सिद्धांतों की नहीं गाली की राजनीति

अब बिहार में नीति और सिद्धांतों की नहीं गाली की राजनीति

कुमार कृष्णन
कहा तो यह जाता है कि राजनीति में गाली-गलौच के लिए कोई स्थान नहीं होता क्योंकि इसके माध्यम से लोकतन्त्र में आम जनता अपने अधिकारों के लिए लड़ती है। यह लड़ाई पूर्णतः वैचारिक आधार पर होती है अतः जब भी राजनीति में भाषा का स्तर गाली पर उतर आता है तो उसे वैचारिक खोखलेपन का सबूत माना जाता है। वैचारिक खोखलापन राजनीति में तब भी माना जाता है जब नीतिगत सिद्धान्तों के स्थान पर व्यक्तिगत आलोचना होने लगती है। प्रख्यात समाजवादी चिन्तक डाॅ. राम मनोहर लोहिया कहा करते थे कि राजनीति में जब वैचारिक स्तर पर खोखलापन शुरू होता है तो व्यक्तिगत आलोचना शुरू होती है और यह चरित्र हत्या तक पहुंच जाती है। मगर भारत में पिछले दो दशक से राजनीति का स्तर लगातार गिरता जा रहा है जिसके लिए सत्ता व विपक्ष दोनों ही जिम्मेदार हैं। यहां पर महात्मा बुद्ध का प्रसंग याद आता है एक बार एक आदमी गौतम बुद्ध के पास गया। उनको बहुत गालियां दीं। जब गाली देने वाला थककर शांत हो गया तो बुद्ध ने पूछा कि अगर तुम मुझे कुछ सामान दो और मैं उसे ना लूं तो क्या होगा। उस आदमी ने कहा कि वो सामान मेरे पास रह जाएगा। बुद्ध ने कहा कि मैंने तुम्हारी गाली ग्रहण नहीं की। बुद्ध में करुणा थी। राजनीति को मानव विकास से जोड़ना है तो उसमें भी करुणा होनी चाहिए लेकिन सत्ता के बाजार में बिठा दी गई आज की राजनीति करुणा, संवेदना और संयम की परिभाषा नहीं समझती। आज गाली पर राजनीति हो रही है। बिहार सत्तारूढ़ दल इसका फायदा चुनाव में उठाना चाह रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बिहार बंद के दौरान राजधानी पटना समेत प्रदेशभर के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन किए गए। इस दौरान, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता भी सड़कों पर उतरे। पटना में भाजपा और जदयू कार्यकर्ताओं ने शहर भर के प्रमुख चौराहों पर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद और पार्टी के दिग्गज नेता संजय मयूख ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री के खिलाफ विपक्ष की टिप्पणी की निंदा करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, इतनी बेशर्मी क्यों है? क्या आप प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी करते हैं और आपके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकलता है? रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर हमारा कार्यकर्ता होता तो हम कार्रवाई करते हुए माफी मांगते। रविशंकर प्रसाद ने तेजस्वी यादव की टिप्पणी पर भी जवाब दिया, जिसमें राजद नेता ने कहा कि उनकी मां (राबड़ी देवी) के लिए भी अपशब्दों का इस्तेमाल हुआ था। भाजपा सांसद ने कहा, उनकी मां पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वो पॉलिटिकल बात है। क्या हम भी गिनाएं कि राहुल गांधी और विपक्ष के लोगों ने 100 से अधिक बार प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया? पटना के आयकर गोलंबर के पास हाथों में झंडा लेकर भाजपा महिला मोर्चा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सड़क पर उतर आईं और लोगों से आज के बंद का समर्थन करने की बात कही। इन महिला कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के विरोध में जमकर नारे लगाए। बड़ी संख्या में बैनर और पोस्टर लेकर पहुंची प्रदर्शनकारी महिला कार्यकर्ता बीच सड़क पर ही बैठ गईं। कई भाजपा कार्यकर्ता भी इनके समर्थन में सड़कों पर उतर गए हैं। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने भी बीच सड़क पर हाथों में पोस्टर लेकर खूब नारे लगाए। बंद को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। कई निजी स्कूलों ने बंद के कारण पहले ही छुट्टी की घोषणा कर रखी है। इसके अलावा कई जिलों में भी एनडीए की महिला कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने के लिए सड़कों पर उतर गई हैं। दरभंगा में भी एनडीए संयुक्त महिला मोर्चा के 5 घंटे के बिहार बंद का असर दिखा। गाली के खिलाफ बंद के दौरान एक बड़े दैनिक के छायाकार को भागलपुर में अमर्यादित ढंग से गाली दी और मारपीट की। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। मां को भगवान का स्‍थान देने वाले देश में किसी की मां को गाली देना मुद्दा तो बनता ही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां को सार्वजनिक रूप से गाली देना का मुद्दा अब बिहार चुनाव तक गूंजता नजर आ सकता है भाजपा के इस मुद्दे को लेकर इरादे साफ नजर आ रहे हैं। पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री को जिस मंच से गाली दी गई,वो राहुल गांधी का मंच नहीं है,वो प्लांटेड आदमी था, जिसने गाली दी है। प्रधानमंत्री मोदी को मां की गाली पर भाजपा के बिहार बंद पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि मां तो मां होती है। मां शब्द जुबान पर आते ही कितना सुकून मिलता है। जो बेजुबान है मां तो उनकी भी होती है। किसी को भी किसी की भी मां-बहन-बेटी के प्रति अपशब्द नहीं बोलना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए बीजेपी से कई सवाल किए। उन्होंने कहा कि महिलाओं और लड़कियों से बलात्कार करने वाले प्रज्वल रेवन्ना का प्रचार कर उसे जिताने की अपील करें तो वह मोदी जी का मास्टर स्ट्रोक। मोदी जी किसी की माँ को 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड बोले तो वाह मोदी जी वाह!, मोदी जी देश के लिए शहादत दे चुके साहसी प्रधानमंत्री की पत्नी और नेता प्रतिपक्ष की मां को विधवा और जर्सी गाय बोले तो बेशर्म लोग कहेंगे कि मोदी जी ने शानदार भाषण दिया है। मोदी जी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पैदाइश पर यह कहते हुए सवाल उठाये कि इनका डीएनए ही ख़राब है। अर्थात् इनका खून ही ख़राब और ग़लत है तो वह सही है? जेडीयू के लोग बताए जो नख और बाल काट प्रधानमंत्री को भेजे थे उनकी रिपोर्ट आ गई है क्या? मोदी जी के सचेतक ने अभी कुछ दिन पहले बिहार विधानसभा में मेरी मां को गाली दी तो मोदी जी ने उसकी पीठ थपथपाई। फिर वो कहे कि मोदी महान!, एक बीजेपी नेता, हमारी प्रवक्ता को साड़ी-साया खोल सरेआम सड़क पर बलात्कार की धमकी दें तो मोदी जी उसे सम्मानित करते हुए अपने जहाज़ तक बुलाते है। राकेश कुमार मंडल और संजय पोद्दार ने भाजपा पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब दूसरों की मां और बहनों को अपमानजनक शब्दों से नवाजा गया, तब भाजपा के नेताओं को कोई संवेदना नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आज जब खुद के खिलाफ कुछ कहा गया तो अचानक भावनात्मकता जाग उठी। लोकतंत्र में सहमति-असहमति एक जरूरी प्रक्रिया है। मगर इस क्रम में कोई भी नेता अगर किसी के खिलाफ अभद्र और अशिष्ट शब्द या लहजे का प्रयोग करता है, तो यह राजनीति में गिरावट का ही संकेत है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments