
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने ‘मिशन वात्सल्य योजना’ का दायरा बढ़ाने का ऐलान किया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने जानकारी दी कि अब इस योजना का लाभ केवल कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों और विधवाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राज्य की सभी विधवाओं, एकल और परित्यक्त महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा।
कोविड काल से हुई थी योजना की शुरुआत
कोविड-19 महामारी के दौरान माता-पिता को खो चुके अनाथ बच्चों और विधवाओं को राहत देने के लिए मिशन वात्सल्य योजना लागू की गई थी। इसके तहत तहसीलदार की अध्यक्षता में तालुका स्तर पर समितियाँ गठित की गईं। इन समितियों ने जरूरतमंदों को आवश्यक प्रमाण पत्र और सरकारी योजनाओं से जुड़ी सुविधाएँ उपलब्ध कराईं।
योजना से मिलने वाले लाभ
योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को मृत्यु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, विधवा पेंशन, आश्रय सहित अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ शिविरों के माध्यम से उपलब्ध कराया गया। इसके जरिए प्रभावित परिवारों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया।
अब सभी विधवाओं को मिलेगा लाभ
अब सरकार ने यह दायरा और बढ़ाते हुए राज्य की सभी विधवा, एकल और परित्यक्ता महिलाओं को भी योजना में शामिल कर लिया है। जिला स्तर पर शिविरों और सभाओं के माध्यम से इन महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कोविड काल में शुरू की गई मिशन वात्सल्य योजना को अब व्यापक रूप दिया जा रहा है। हमारा उद्देश्य है कि राज्य की सभी विधवा, एकल और परित्यक्ता महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले और वे आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हों। इस योजना से महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मजबूत होगी।