
मुंबई। भावी पीढ़ी को प्रदूषण मुक्त वातावरण देने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने निर्देश दिया है कि भविष्य में राज्य के प्रत्येक पेट्रोल पंप पर ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ पहल लागू की जाएगी। इसके तहत जिन वाहनों के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) नहीं होगा, उन्हें ईंधन नहीं मिलेगा। परिवहन मंत्री ने परिवहन आयुक्त कार्यालय में आयोजित एक बैठक में यह घोषणा की। इस बैठक में परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार, संयुक्त सचिव (परिवहन) राजेंद्र होलकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सरनाईक ने बताया कि प्रत्येक पेट्रोल पंप पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से वाहन क्रमांक की स्कैनिंग की जाएगी और संबंधित वाहन के पीयूसी की वैधता तुरंत जांची जाएगी। अगर प्रमाणपत्र अमान्य पाया जाता है तो वाहन को ईंधन नहीं दिया जाएगा। हालांकि, वाहन चालकों की सुविधा के लिए उसी पेट्रोल पंप पर तुरंत नया पीयूसी प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पीयूसी प्रमाणपत्र को विशिष्ट पहचान संख्या (UID) दी जाएगी, जिससे समय-समय पर उसकी वैधता का ऑनलाइन सत्यापन संभव होगा। भविष्य में वाहन शोरूम और रिपेयर गैरेजों को भी प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार देने की योजना है, ताकि सड़क पर चलने वाले हर वाहन के पास वैध पीयूसी हो। मंत्री सरनाईक ने परिवहन विभाग को अवैध पीयूसी प्रमाणपत्र जारी करने वाले गिरोहों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने परिवहन विभाग कार्यालय में अग्नि पूर्व चेतावनी प्रणाली की स्थापना और परिवहन भवन के निर्माण कार्यों की समीक्षा की। यह कदम राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत प्रदूषण को कम करने और नागरिकों को स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है।




