
मुंबई। महाराष्ट्र भर की नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनावों के लिए 21 दिसंबर को होने वाली मतगणना को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने प्रशासन और पुलिस को कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि मतगणना प्रक्रिया में बाधा डालने, अफवाह फैलाने या कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वाघमारे ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता, पारदर्शिता और शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। ये निर्देश राज्य चुनाव आयुक्त की अध्यक्षता में जिला कलेक्टरों, पुलिस आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और वरिष्ठ चुनाव अधिकारियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान दिए गए। इस बैठक में राज्य की 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के आम चुनावों की मतगणना से जुड़ी तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में राज्य चुनाव आयोग के सचिव सुरेश काकानी, पुलिस महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा सहित आयोग और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। आयोग के अनुसार, 264 नगर पालिकाओं, नगर पंचायत अध्यक्ष पदों और 6,042 सदस्यों के लिए मतदान 2 दिसंबर को हो चुका है, जबकि शेष 24 नगर पालिकाओं और 154 सदस्यों के लिए मतदान 20 दिसंबर को होना है। अलग-अलग तिथियों पर मतदान होने के बावजूद, सभी नगर परिषदों और नगर पंचायतों की मतगणना एक साथ 21 दिसंबर को की जाएगी और उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएंगे। राज्य चुनाव आयुक्त वाघमारे ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसी भी संभावित अनियमितता से निपटने के लिए पहले से ठोस योजना बनाएं और स्थिति बिगड़ने से पहले ही तत्काल कार्रवाई करें। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि मतगणना के दौरान की गई किसी भी कार्रवाई की जानकारी तुरंत मीडिया को दी जाए, ताकि अफवाहों और गलत सूचनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि कार्रवाई की जानकारी साझा न करने से अक्सर कानून-व्यवस्था को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा होती है। साथ ही, सभी जिलों को निर्देश दिए गए कि वे की गई हर कार्रवाई का विवरण बिना देरी के राज्य चुनाव आयोग को भेजें।
आयोग के सचिव सुरेश काकानी ने कहा कि भले ही कुछ क्षेत्रों में मतदान 20 दिसंबर को होगा, लेकिन सभी स्थानीय निकायों के नतीजे 21 दिसंबर को ही घोषित किए जाएंगे। उन्होंने मतगणना के दिन भीड़ नियंत्रण, परिणाम के बाद होने वाले जश्न और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया। काकानी ने यह भी याद दिलाया कि चुनाव आचार संहिता के तहत 19 दिसंबर की रात 10 बजे के बाद प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी प्रकार का चुनावी विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया जा सकता। पुलिस महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए निवारक उपायों की अहमियत रेखांकित की। उन्होंने कहा कि अक्सर पुलिस कार्रवाई के बाद होती है, लेकिन यदि निवारक कदमों की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती, तो स्थिति बिगड़ने का गलत संदेश जाता है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को मतदान और मतगणना, दोनों दिनों में पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करने और स्पष्ट संदेश देने के निर्देश दिए। स्थानीय निकाय चुनावों में राजनीतिक दांव ऊंचे होने के चलते राज्य चुनाव आयोग ने मतगणना के दौरान शांति, पारदर्शिता और जनता के विश्वास को बनाए रखने पर विशेष फोकस किया है। आयोग ने साफ कर दिया है कि किसी भी तरह की अराजकता या दबाव की राजनीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।




