पुणे। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर को सात प्रतिशत लोकोमोटर दिव्यांगता का प्रमाणपत्र जारी करने वाले पुणे के समीप स्थित एक सिविल अस्पताल ने अपनी जांच में पाया कि प्रमाणपत्र नियमों के अनुसार था और इसे जारी करने में कोई गलती नहीं हुई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुणे शहर के समीप पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) द्वारा संचालित यशवंतराव चह्वाण मेमोरियल (वाईसीएम) हॉस्पिटल ने अगस्त 2022 में खेडकर को यह प्रमाणपत्र जारी किया था। अधिकारियों ने पहले बताया था कि खेडकर ने 2022 में अपने बाएं अंग के घुटने के जोड़ के बारे में विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। वह चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल आयीं और कई विभागों द्वारा उनकी जांच की गयी। 24 अगस्त 2022 को जारी प्रमाणपत्र में कहा गया कि उनके घुटने में सात प्रतिशत विकलांगता है। वाईसीएम के डीन डॉ. राजेंद्र वाबले ने अस्पताल के आर्थोपेडिक और फिजियोथेरेपी विभाग से एक रिपोर्ट मांगी थी। जिला कलेक्टरेट ने एक पत्र लिखकर अस्पताल से यह जांच करने को कहा था कि क्या खेडकर को विकलांगता प्रमाणपत्र जारी करने में कोई गलती हुई है। जिला प्राधिकारियों ने यह भी कहा था कि अगर कोई गलती पायी जाती है तो वह पुलिस में शिकायत दर्ज कराए।