
मुंबई। महाराष्ट्र के 50 से ज्यादा गांवों के लोगों ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर नेताओं की गांवों में एंट्री बंद कर दी है। मामला राज्य के हिंगोली जिले का है। ग्रामीणों ने गांवों में पोस्टर व बैनर चिपकाए हैं, जिनमें राजनीतिक नेताओं के गांवों में न आने की बात कही गई है।
आरक्षण न मिलने तक जारी रहेगा बहिष्कार
ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि जब तक उन्हें मराठा आरक्षण नहीं मिलेगा तब तक राजनीतिक नेताओं का गांवों में बहिष्कार जारी रहेगा। बता दें कि मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल आरक्षण के लिए बड़ी कानूनी और सामाजिक लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने मराठा आरक्षण के लिए 17 दिन तक अनशन किया थी और उनकी इस हड़ताल ने सरकार को हिलाकर रख दिया था। जारांगे पाटिल के आंदोलन पर बड़े नेताओं को ध्यान देना पड़ा।
पूरे महाराष्ट्र में बैठकें कर रहे जारांगे पाटिल
जारांगे पाटिल अब पूरे महाराष्ट्र में बैठकें कर रहे हैं। आरक्षण के लिए जारांगे की ओर से सरकार को दी गयी समय सीमा समाप्त हो गई है, लेकिन चर्चा है कि सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इसी कारण जारांगे पाटिल 25 अक्तूबर से आमरण अनशन शुरू करेंगे।