
एपीआई प्रमोद सावंत की टीम ने की कार्रवाई
मुंबई। आतंकवादियों से भी ज्यादा घातक देश के अंदर बैठे नशे के सौदागर हैं! जो समाज ही नहीं देश को भी खोखला कर रहे हैं। युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं। कई मां-बाप नशे के कारण मरे अपने बेटे के शव पर विलाप करते हुए नजर आते हैं। दूसरी ओर नशे की आपूर्ति के लिए नशे का आदी व्यक्ति कोई भी अपराध करने से बाज नहीं आता हैं। ड्रग्स तस्करों को कुछ स्थानीय नेताओं का संरक्षण मिल जाने से स्थानीय पुलिस कार्रवाई करने में आनाकानी करती नजर आती हैं। वहीं कुछ ईमानदार पुलिस अधिकारी भी होते हैं जो अपना काम ईमानदारी से करते हैं। लेकिन कुछ लोग उसमें भी अड़ंगा डालने से बाज नहीं आते। मिली जानकारी के अनुसार निर्मल नगर पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक प्रमोद गणपती सावंत (एटीसी) ने दो-तीन महीने से नशे के तस्करों पर शिकंजा कसा हैं। जिससे ड्रग्स के कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। जिसमें ताजा मामला गुरुवार को खार पूर्व स्थित अम्बेवाड़ी, बच्ची देवी, झोपड़पट्टी इलाके से १५ ग्राम एमडी ड्रग्स के साथ गौरव गुरव को गिरफ्तार किया। और आगे की जांच जारी हैं। वहीं इस कार्रवाई से ड्रग्स तस्करों व उनके आकाओं में हड़कंप मच गया हैं और पुलिस अधिकारी पर दवाब बनाने का प्रयास किया जा रहा हैं। वहीं सहायक पुलिस निरीक्षक प्रमोद गणपती सावंत ने कहा कि पिछले तीन महीने से नशे का कारोबार करने वालो पर कार्रवाई जारी हैं और आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। बता दे कि शिंदे सरकार ने नशा मुक्त महाराष्ट्र की घोषणा की और प्रशासन को सख्त कार्रवाई का आदेश दिया हैं। वहीं सूत्रों की माने तो निर्मल नगर पुलिस स्टेशन की हद में स्थानीय कई नेता हैं जो ड्रग्स की कारोबारियों को संरक्षण देने में लगे हैं। जो जांच का विषय हैं। जब हम नशों की बेडिय़ों में गिरफ्त नौजवान पीढ़ी का जिक्र करते हैं तो हमें इसके मूल कारणों का पता करने की जरूरत है। बेरोजगारी तथा अनपढ़ता का शिकार नौजवान नशे के धंधे के लिए उपजाऊ जमीन साबित हो रहा हैै। जिसमें हुए मुनाफे का इस्तेमाल हमारे राजनेता, नशा तस्कर तथा अफसरशाही मंडली कर रही है। जो युवा पीढ़ी को बर्बाद और बुजुर्गों का सहारा छिनने में लगे है। अगर समय रहते नशे के खिलाफ स्थानीय लोग जागरूक नहीं हुए, तो कल ये नशा आपके घर तक भी पहुंच सकता हैं। पुलिस अधिकारियों से गुजारिश हैं पैसे के लिए नशे के कारोबारियों के साथ समझौता न करे। आपके भी बच्चे हैं। यह नशा आप के घर कब दस्तक देगा, इसका अंदाजा आपको भी नही होगा। समय रहते देश के युवाओं को इस नशे से मुक्ति कैसे दिला सकते हैं इसपर विचार करों।