
मुंबई। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि ऐप-आधारित टैक्सियों, रिक्शा और ई-बाइक टैक्सियों के संचालन से जुड़ी एक व्यापक नीतिगत रूपरेखा अगले दो दिनों में जारी की जाएगी। इस नीति का उद्देश्य यात्रियों और चालकों की शिकायतों का समाधान करना और इस क्षेत्र में पारदर्शिता लाना है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित ऐप-आधारित परिवहन श्रमिक संघ (आईएफएटी) की बैठक में कहा कि कई कंपनियाँ मुनाफाखोरी के नाम पर चालकों और यात्रियों दोनों का आर्थिक शोषण कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा तैयार की जा रही नई नीति में निश्चित किराया प्रणाली, ड्राइवरों को 80 प्रतिशत आय लौटाने और सरकारी निगरानी बढ़ाने जैसे प्रावधान शामिल होंगे।
बैठक में परिवहन राज्य मंत्री माधुरी मिसाल, परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार, संयुक्त सचिव किरण होल्कर, और आईएफएटी अध्यक्ष प्रशांत सावरदेकर उपस्थित थे। मंत्री सरनाईक ने कहा, “ऐप-आधारित टैक्सी, रिक्शा और ई-बाइक सेवाएँ प्रदान करने वाली संस्थाओं को व्यवसाय करते समय यात्रियों और चालकों को केंद्र में रखना चाहिए। लाभ कमाने की दौड़ में उनका आर्थिक शोषण नहीं होना चाहिए। नई नीति का उद्देश्य न केवल पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है, बल्कि राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर भी सृजित करना है। सरकार का लक्ष्य इस क्षेत्र को एकीकृत नियामक ढाँचे में लाना है, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ और चालकों को अधिक अधिकार मिल सकें।