
मुंबई। राज्य सरकार ने आदिवासी छात्रों की शिक्षा और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। आदिवासी विकास मंत्री अशोक उइके की संकल्पना से ‘संवाद चिमुकल्यांशी’ (छोटे बच्चों से संवाद) अभियान के तहत 7 फरवरी 2025 को राज्यभर में सरकारी आदिवासी आश्रमशालाओं और छात्रावासों में विशेष निरीक्षण और संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य आदिवासी छात्रों की शैक्षणिक समस्याओं को समझना, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना और उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता का आकलन करना है। मंत्री अशोक उइके ने कहा कि राज्य में 497 सरकारी आदिवासी आश्रमशालाएं कार्यरत हैं, जहां हजारों छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। हालांकि, इन संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं की कमी और अन्य समस्याओं को लेकर शिकायतें आती रहती हैं। इस अभियान के तहत अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को छात्रों से सीधा संवाद स्थापित करना होगा और रातभर आश्रमशालाओं में रहकर उनकी समस्याओं को समझना होगा। लड़कियों की आश्रमशालाओं के लिए महिला अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। निरीक्षण में छात्रों की उपस्थिति, शिक्षकों का रिकॉर्ड, भोजन की गुणवत्ता, टेट्रा पैक दूध की उपलब्धता, आरओ फिल्टर और गर्म पानी की सुविधा, शौचालयों की स्वच्छता, लड़कियों के लिए अलग स्नानगृह, छात्रावास की सुरक्षा, सीसीटीवी कैमरों की स्थिति, बिस्तर, चादरें, पंखे, लाइट, बिजली फिटिंग और अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता की जांच की जाएगी। इसके अलावा, महिला सुरक्षा के तहत छात्रावासों में सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और आपातकालीन अलर्ट सिस्टम की भी समीक्षा की जाएगी। अधिकारी सीधे फीडबैक देंगे, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता, आवासीय सुविधाएं और सुरक्षा के उपाय शामिल होंगे। इस पहल के माध्यम से आदिवासी छात्रों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण और सुविधाओं का लाभ मिलेगा, जिससे उनके शैक्षणिक अनुभव में सुधार होगा और सरकार को सीधे फीडबैक के आधार पर भविष्य की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी। यह अभियान आदिवासी शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम साबित होगा।