
नई दिल्ली। भारत और ब्राजील के बीच रक्षा एवं रणनीतिक सहयोग को सशक्त करने की दिशा में बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भाग लिया। दोनों नेताओं के बीच हुई इस उच्चस्तरीय वार्ता में रक्षा सहयोग, आर्थिक निवेश, बहुपक्षीय वैश्विक साझेदारी और द्विपक्षीय विश्वास संबंधों को और गहरा करने पर चर्चा हुई। बैठक की शुरुआत में ब्राजील के उपराष्ट्रपति अल्कमिन ने भारत के प्रति अपने गर्मजोशी भरे संदेश में कहा- नई दिल्ली लौटकर अपने प्रिय भारतीय मित्रों से मिलना मेरे लिए सम्मान और संतोष की बात है। मैं ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा की ओर से भाईचारे का संदेश लेकर आया हूं। उन्होंने बताया कि जुलाई 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा के दौरान हुए संवादों ने दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाया। अल्कमिन ने यह भी घोषणा की कि अगले वर्ष की शुरुआत में, संभवतः फरवरी में, राष्ट्रपति लूला भारत की यात्रा पर आएंगे। उन्होंने कहा कि भारत और ब्राजील के बीच विश्वास, समानता और आपसी सम्मान पर आधारित दीर्घकालिक साझेदारी है, जिसे आगे और मजबूत बनाने का इरादा दोनों देशों का है। ब्राजील के उपराष्ट्रपति ने बताया कि उन्होंने हाल ही में एक सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत भारत और ब्राजील के बीच दोहरे कराधान से बचाव और परस्पर निवेश को प्रोत्साहित करने वाला समझौता स्थापित किया गया है। इसे दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में एक नई प्रगति के रूप में देखा जा रहा है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे शीर्ष नेतृत्व ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को भारत-ब्राजील साझेदारी के पांच प्रमुख स्तंभों में से एक के रूप में प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि दोनों देश बड़े लोकतंत्र हैं और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएँ हैं, इसलिए उनकी साझा आकांक्षा है कि वे अंतरराष्ट्रीय शासन और वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाएँ। राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत-ब्राजील रक्षा सहयोग “अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा और बहुपक्षवाद की रक्षा” में योगदान देगा। उन्होंने कहा कि “हमारी साझेदारी राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। रक्षा मंत्री ने बताया कि यह बैठक अब तक के द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की प्रगति की समीक्षा करने और नए अवसरों की पहचान करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि भविष्य में दोनों देश “सैन्य प्रशिक्षण, रक्षा प्रौद्योगिकी और औद्योगिक सहयोग” जैसे क्षेत्रों में नए रास्ते तलाशेंगे। राजनाथ सिंह ने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ब्राजील की ओर से जताई गई संवेदना के लिए भी आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा, “हम ब्राजील के राष्ट्रपति लूला द्वारा उस घटना पर दिए गए समर्थन और संवेदना की गहरी सराहना करते हैं। बैठक के अंत में दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत-ब्राजील रक्षा सहयोग केवल सैन्य दृष्टि से नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता, लोकतांत्रिक मूल्यों और बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में भी योगदान देगा।