Monday, June 30, 2025
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New Delhi: कांग्रेस अध्यक्ष ने ओडिशा रेल हादसे की जांच सीबीआई को सौंपे जाने पर उठाए सवाल

New Delhi

नई दिल्ली:(New Delhi) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर ओडिशा में हुई रेल दुर्घटना की जांच सीबीआई को सौंपे जाने पर सवाल खड़े किए हैं। अध्यक्ष ने पत्र में लिखा है कि सरकार जवाबदेही तय करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने और लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।

खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को स्वीकार करना चाहिए की समस्याएं मौजूद हैं। रेल मंत्री यह दावा करते हैं कि दुर्घटना का असली कारण तलाश लिया गया है। फिर भी उन्होंने सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने वास्तविक कारणों का सामने लाने की मांग की। उन्होंने लिखा, “ओडिशा की इस रेल दुर्घटना ने हम सबकी आंखें खोल दी हैं। रेल मंत्री और एनडीए सरकार के सुरक्षा के तमाम दावों की पोल खुल गयी है। आम मुसाफिरों में इस दशा को लेकर काफी चिंता है। इस नाते इस दुर्घटना की सभी पहलुओं पर जांच करके वास्तविक कारणों को प्रकाश में लाया जाये।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने रेल दुर्घटना की जांच को लेकर सीबीआई की क्षमता पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सीबीआई या दूसरी कानून प्रवर्तन एजेंसियां तकनीकी, संस्थागत या राजनीतिक विफलताओं की जवाबदेही नहीं तय कर सकती। यही नहीं उनके पास रेलवे सुरक्षा, सिग्नलिंग प्रणाली और मेंटीनेंस की प्रथाओं के बाबत तकनीकी विशेषज्ञता का अभाव है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने संदेह व्यक्त किया कि सरकार का प्रणाली के भीतर की खामियों को दूर कर सुरक्षा को चाक चौबंद करने का कोई इरादा नहीं है। इसके लिए उन्होंने 2016 में हुई कानपुर रेल दुर्घटना की जांच एनआईए को सौंपे जाने और बाद में इस जांच का निष्कर्ष नहीं निकलने का भी उदाहरण दिया।

सुरक्षा पर विशेष ध्यान का आग्रह करते हुए खड़गे ने कहा कि अनिवार्य सुरक्षा मानक और उपकरण मिशन मोड में प्राथमिकता के आधार पर रेल मार्गों पर लगाये जाने चाहिए। इससे भविष्य में ऐसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने इसके साथ ही भाजपा सरकार में रेलवे के कामकाज पर कई तरह से सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि 2017-18 में रेल बजट को आम बजट के साथ जोड़ा गया। रेलवे जैसे विशाल संगठन ने आजादी के बाद से तमाम तबकों को रियायत दी। लेकिन कोरोना के दौरान बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को मिलने वाली रियायत में कटौती कर दी।

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