
भंडारा। राज्य में लगातार हो रही अतिवृष्टि के चलते किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इसी पृष्ठभूमि में राज्य सरकार को किसानों की समस्याओं की ओर जगाने के उद्देश्य से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की ओर से शुक्रवार को भंडारा शहर में ‘काली दिवाली मौन व्रत आंदोलन’ आयोजित किया गया। इस आंदोलन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक चरण वाघमारे ने किया। आंदोलन के दौरान पार्टी ने महायुति सरकार द्वारा घोषित 30,650 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को “फर्जी” करार देते हुए कहा कि इसकी शर्तें इतनी जटिल हैं कि वास्तविक लाभ किसानों तक नहीं पहुँच पा रहा है। पार्टी नेताओं ने कहा कि सरकार ने हेक्टेयर आधारित मदद, कुएं, घर, पशुधन, खराब हुई जमीन और मनरेगा योजनाओं के तहत सहायता की घोषणा तो की है, परंतु अधिकांश किसानों को बीमा और प्रत्यक्ष आर्थिक राहत नहीं मिल रही। साथ ही स्थानीय स्तर पर “गीले अकाल” की घोषणा न करने के कारण राहत अपूर्ण रह गई है, जिसे आंदोलनकारियों ने गंभीर चिंता का विषय बताया। सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आयोजित इस मौन आंदोलन में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। इस अवसर पर पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को निवेदन भेजा गया, जिसमें किसानों के लिए सीधे कर्जमाफी, गीले अकाल की घोषणा, उचित फसल बीमा और नुकसान की भरपाई की मांग की गई।
राकांपा (शरद पवार) का कहना है कि संकट की इस घड़ी में सरकार द्वारा दी गई राहत न केवल अपर्याप्त है, बल्कि उसकी पहुँच भी सीमित है। पार्टी ने इस आंदोलन के माध्यम से सरकार का ध्यान किसानों की वास्तविक समस्याओं और तत्काल राहत की आवश्यकता की ओर आकर्षित किया।