
पुणे। महाराष्ट्र में शिरूर लोकसभा क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सांसद अमोल कोल्हे ने मंगलवार को कहा कि पार्टी के प्रतिद्वंद्वी गुट के प्रमुख एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा की गयी आलोचना दर्शाती है कि पार्टी संस्थापक शरद के साथ बने रहने का उनका फैसला सही था। कोल्हे ने किसानों के मुद्दे पर मोर्चा शुरू करने से एक दिन पहले यहां राकांपा के संस्थापक शरद पवार से उनके निवास पर भेंट की। अजित पवार ने हाल में शरद पवार धड़े के सदस्य कोल्हे पर ‘शिरुर निर्वाचन क्षेत्र’ की ‘उपेक्षा करने’ को लेकर निशाना साधा था। उपमुख्यमंत्री ने आगामी लोकसभा चुनाव में पुणे जिले की शिरूर सीट से प्रत्याशी खड़ा करने का संकेत भी दिया था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, मैं सुनिश्चित करूंगा कि वहां खड़ा किया गया प्रत्याशी चुनाव जीते। कोल्हे ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि बुधवार को छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मस्थल शिवनेरी किले की तलहटी से किसानों का ‘आक्रोश मोर्चा’ (पैदल मार्च) शुरू होगा जो 70 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद पुणे में जिलाधिकारी कार्यालय पर समाप्त होगा। कोल्हे ने कहा हम प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने, किसान ऋण माफी, नियमित विद्युत आपूर्ति, दूध के कम दाम एवं अन्य मुद्दों समेत किसानों की मांगों को लोगों के सामने रखेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने शरद पवार का मार्गदर्शन लेने के लिए उनसे मुलाकात की। अजित पवार द्वारा की गयी आलोचना के बारे में पूछे जाने पर कोल्हे ने कहा कि यह दर्शाता है कि (शरद पवार के प्रति निष्ठावान बने रहने का) उनका राजनीतिक रुख सही था। उन्होंने कहा मैं मध्य वर्गीय पृष्ठभूमि से आता हूं और इतने बड़े कद के नेताओं से चुनौती मिलने पर मुझे गर्व महसूस होता है। दादा (अजित पवार) हमारे नेता थे और मुझ जैसे छोटे कार्यकर्ता के लिए प्रतिक्रिया देना उपयुक्त नहीं है। मैं उनका सम्मान करता हूं। हमारे राजनीतिक रुख अलग होने के कारण यदि उन्होंने कोई टिप्पणी की है, तो मैं उनसे मिलूंगा।