
नवी मुंबई। नवी मुंबई क्राइम ब्रांच ने बैन ऑनलाइन गेमिंग ऐप ‘रेड्डी अन्ना’ के ज़रिए चल रहे एक देशव्यापी साइबर फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में 393 मामलों से जुड़े 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर 84 करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड का आरोप है। यह सिंडिकेट नकली नौकरियों, स्टॉक मार्केट फ्रॉड और अवैध गेमिंग के जरिए बड़े पैमाने पर ऑनलाइन घोटाले चला रहा था। जांच की शुरुआत नेरुल सेक्टर-18 के रहने वाले इमरान उस्मानी मिन्हाज शेख (22) की गिरफ्तारी से हुई, जिसने ‘रेड्डी अन्ना’ प्लेटफॉर्म के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग में मदद करने के लिए 60 से 70 फर्जी बैंक खाते खोले थे। शेख को 14 अक्टूबर को सीबीडी बेलापुर रेलवे स्टेशन के पास संदिग्ध गतिविधियों के चलते ईओडब्ल्यू के हेड कांस्टेबल राहुल पवार ने हिरासत में लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि शेख एक बड़े ऑनलाइन गेमिंग और फ्रॉड नेटवर्क का हिस्सा था, जो कमीशन के बदले लोगों के नाम पर बैंक खाते खुलवाता था। हर खाते के लिए उसे 15,000 रुपये मिलते थे, जिनमें से 5,000 रुपये खाताधारक को दिए जाते थे। बाद में शेख बैंक किट—पासबुक, डेबिट कार्ड, चेक बुक और लिंक्ड सिम कार्ड ‘पोर्टर’ के ज़रिए डोंबिवली में हरीश नामक व्यक्ति को भेजता था और इसी तरह का सामान पुणे भी सप्लाई करता था। पुलिस ने शेख से मिली जानकारी के आधार पर डोंबिवली के रुनवाल गार्डन स्थित फ्लैट पर छापा मारा, जहाँ एक सक्रिय ऑनलाइन गेमिंग और साइबर फ्रॉड ऑपरेशन चल रहा था। वहां से पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जबकि पिंपरी-चिंचवड़ के पुनावले इलाके में हुई एक और छापेमारी में छह और लोगों को पकड़ा गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हितेश पुनाराम देवांगन (28), सुनील श्रावण देवांगन (23), राहुल राजू देवांगन (21), तोमेशकुमार मोहित उइके (22), अंकित रमेश सिंह (23) और अभिषेक संजय सिंह (23) के रूप में हुई है। पुणे से गिरफ्तार अर्पित सत्येंद्रकुमार सोनवानी (23), रजत दिलीप शर्मा (24), हरीशकुमार मदनलाल मरकाम (27), बिहार के लालबाबू राजेश्वरराम कुमार (21) और दिल्ली के कृष्णांशु अमित विश्वास (22) भी इस नेटवर्क से जुड़े थे। टेक्निकल एनालिसिस में सामने आया कि आरोपी ‘रेड्डी अन्ना’ ऐप के अलावा Ramesh247.com, upi9.pro.com और Reddybook.blue जैसे प्लेटफॉर्म से भी काम कर रहे थे। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम ब्रांच) सचिन गुंजाल के अनुसार, यह नेटवर्क पूरे देश में 886 बैंक अकाउंट का उपयोग अवैध गेमिंग, सट्टेबाजी और फ्रॉड ट्रांजैक्शन के लिए करता था। पुलिस ने बताया कि यह रैकेट नकली नौकरी के ऑफर, शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड और वर्क-फ्रॉम-होम स्कीम जैसे कई घोटालों में शामिल था। गिरफ्तार आरोपियों में तीन ग्रेजुएट, सात 12वीं पास और दो 10वीं पास हैं। असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम ब्रांच) अजय लांडगे ने बताया कि आरोपी अपने ठिकानों को ‘ब्रांच’ कहते थे। डोंबिवली वाले स्थान को ब्रांच नंबर 508 और पुणे वाले को ब्रांच नंबर 404 कहा जाता था। छापेमारी के दौरान पुलिस ने 52 मोबाइल फोन, सात लैपटॉप, 99 बैंक डेबिट कार्ड, 64 पासबुक और एक टाटा सफारी स्टॉर्म SUV ज़ब्त की, जिनकी कुल कीमत 18.05 लाख रुपये है। सीबीडी बेलापुर पुलिस स्टेशन में आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) और 3(5), आईटी एक्ट की धारा 66C और 66D, महाराष्ट्र जुआ अधिनियम की धारा 4 और 5 तथा ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन अधिनियम, 2025 के तहत मामला दर्ज किया गया है।



