
मुंबई। मुख्यमंत्री सहायता कोष और धर्मादाय अस्पताल राहत प्रकोष्ठ द्वारा कार्यान्वित ‘नमो नेत्र संजीवनी अभियान’ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर 17 सितंबर से प्रारंभ होकर 2 अक्टूबर 2025 तक चले इस अभियान के दौरान राज्यभर में व्यापक नेत्र जांच और उपचार सेवाएँ प्रदान की गईं। इस अभियान में महाराष्ट्र के सभी जिलों के कुल 12,764 अस्पतालों ने भाग लिया। अभियान अवधि में 10,720 नेत्र जांच शिविर आयोजित किए गए, जिनमें 5,16,752 नागरिकों की जांच की गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में संचालित यह पहल ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जनजागरूकता और नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का प्रभावी उदाहरण बनी। अभियान के दौरान 36,388 रोगियों को द्वितीय-स्तरीय नैदानिक जाँचों और सर्जिकल उपचार के लिए रेफर किया गया, जबकि 2,44,788 नागरिकों को चश्मे के लिए पंजीकृत किया गया। इनमें से 1,55,372 नागरिकों को चश्मे वितरित किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, राज्यभर में 32,911 मोतियाबिंद सर्जरी और 4,652 अन्य नेत्र सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न हुईं। मुख्यमंत्री सहायता कोष एवं धर्मार्थ अस्पताल सहायता डेस्क के प्रकोष्ठ प्रमुख रामेश्वर नाइक ने बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नागरिकों की सहज और उत्साहपूर्ण भागीदारी इस अभियान की सबसे बड़ी सफलता रही। उन्होंने कहा कि इस पहल ने न केवल लाखों लोगों की दृष्टि सुरक्षित की है, बल्कि नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाई है।