
वी बी माणिक
मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) मुख्यालय स्थित जनसंपर्क विभाग में इस समय मनमानी कारभार चरम पर है। विभाग की बागडोर संभाल रहे पीआरओ ताना कांबले पर तानाशाही रवैये का आरोप लग रहा है। वहीं उप-जनसंपर्क अधिकारी गणेश पुराणिक और सहायक जनसंपर्क अधिकारी धनंजय सुर्वे भी मनमानी में शामिल बताए जा रहे हैं। इन अधिकारियों पर आरोप है कि वे कर्मचारियों और आम नागरिकों से अभद्र भाषा में बात करते हैं और “तू-तड़ाक” की भाषा का प्रयोग करना आम बना लिया है। गणेश विसर्जन पास जारी करने को लेकर कांबले की “मोनोपॉली” चल रही है। बिना किसी ठोस ज्ञान के नए-नए नियम लागू करना और मनमानी तरीके से फैसले लेना इनकी आदत बन चुकी है। आरोप है कि उपायुक्त प्रशासन किशोर गांधी ने इन्हें खुली छूट दे रखी है, जबकि इस संबंध में किसी भी प्रकार का कोई सर्कुलर जारी नहीं किया गया है। जनसंपर्क विभाग की इस अराजकता के पीछे प्रशासन की ढिलाई को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। मनपा आयुक्त भूषण गगरानी, अतिरिक्त आयुक्त श्रीमती अश्विनी जोशी और उपायुक्त किशोर गांधी की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। खासकर किशोर गांधी, जिन्हें ईमानदार अधिकारी कहा जाता है, लेकिन विभाग की गतिविधियों से बेखबर रहते हैं और पूरा प्रशासनिक ढांचा इनके भरोसे छोड़ दिया गया है। जनसंपर्क अधिकारी कांबले और पुराणिक पर यह भी आरोप है कि वे बिना किसी कार्यकुशलता के केवल वेतन ले रहे हैं। शिकायत पत्रों का जवाब तक वे देने में असमर्थ रहते हैं। सूत्रों के अनुसार, विभाग की यह दयनीय स्थिति पूर्व जनसंपर्क अधिकारी सौदागर जाधव की सिफारिशों का नतीजा है, जिनके कारण ऐसे निष्क्रिय अधिकारियों की नियुक्ति हुई। अब सवाल यह उठता है कि क्या मनपा आयुक्त भूषण गगरानी इन अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे या फिर इन्हें पुरस्कृत कर विभाग का और अधिक पतन होने देंगे? दिन-ब-दिन बिगड़ती स्थिति देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो गगरानी ने बीएमसी प्रशासन का पूर्ण सत्यनाश करने की ठान रखी हो।