
वी बी माणिक
मुंबई। स्व. नाना शंकर शेठ की 160वीं पुण्यतिथि के अवसर पर मध्य रेल मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में नाना शंकर शेठ के चित्र पर माल्यार्पण किया गया, जिसमें मुंबई स्वर्णकार संघ के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल नीला का स्वागत न करना संघ के सदस्यों द्वारा अपमानजनक माना गया। मुंबई स्वर्णकार संघ, जो मूल रूप से सोने के दागीने बनाने वाले पारंपरिक कारीगरों की पुरानी संस्था है, नाना शंकर शेठ द्वारा कारीगरों के उत्पीड़न और सुरक्षा संरक्षण हेतु स्थापित की गई थी। लेकिन सूत्रों के अनुसार अब यह संस्था अपने मूल उद्देश्यों से भटक गई है। पहले जहां केवल मराठी, राजस्थानी, गुजराती और उत्तर भारतीय कारीगरों के हितों के लिए कार्य होता था, वहीं अब मुस्लिम और बंगाली कारीगरों को भी सदस्य बनाकर आईडी दी जा रही है, जिससे पारंपरिक सदस्यों में असंतोष बढ़ रहा है। संस्था के कुछ ट्रस्टियों पर नियमों की अनदेखी और संगठन के उद्देश्य से विमुख होने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। ज़वेरी बाजार के स्वर्णकार कारीगरों में संघ के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस अवसर पर नाना शंकर शेठ की छठवीं पीढ़ी के वंशज श्रीरंग शेठ ने भी माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ ज़वेरी बाजार के अन्य कारीगर एवं ट्रस्टी उपस्थित रहे।