मुंबई। खार पुलिस स्टेशन के चार अधिकारियों द्वारा एक निर्दोष व्यक्ति को फंसाने का शर्मनाक मामला सामने आया है। इस घटना ने न केवल मुंबई पुलिस की छवि को धूमिल किया है, बल्कि आम जनता के बीच सुरक्षा और न्याय के प्रति विश्वास को भी झकझोर दिया है। यह घटना कलीना इलाके की है, जहां खार पुलिस स्टेशन के चार अधिकारियों ने एक व्यक्ति की जेब में ड्रग्स डालकर उसे गिरफ्तार करने की साजिश रची। पुलिसकर्मियों ने अपनी जेब से ड्रग्स की पुड़िया निकालकर उस व्यक्ति की जेब में डाल दी, और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया। उनकी यह करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिससे इस षड्यंत्र का पर्दाफाश हो गया।
सीसीटीवी फुटेज में कैद हरकत
सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति सो रहा था, जब चार पुलिसकर्मी वहां पहुंचे। एक पुलिसकर्मी ने उसकी तलाशी ली और फिर चुपके से अपनी जेब से ड्रग्स की पुड़िया निकालकर उस व्यक्ति की जेब में डाल दी। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उस व्यक्ति पर आरोप लगाया कि उसकी जेब से 20 ग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स मिला है, इसलिए उसे हिरासत में ले लिया गया। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद, पीड़ित व्यक्ति को निर्दोष साबित किया गया और तुरंत रिहा कर दिया गया। अगर यह फुटेज सामने नहीं आता, तो शायद पीड़ित अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर पाता और उसे झूठे मामले में जेल जाना पड़ता।
पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच
घटना के बाद, खार पुलिस स्टेशन के चारों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। मुंबई पुलिस ने वीडियो फुटेज का संज्ञान लेते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
भरोसे की बुनियाद हिलाने वाली घटना
यह घटना न केवल पुलिस प्रशासन के भीतर की भ्रष्टाचार और अनियमितता को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि आम जनता के बीच पुलिस के प्रति भरोसा कैसे कायम रखा जाए। मुंबई जैसे बड़े शहर में, जहां हर दिन लाखों लोग अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस पर निर्भर रहते हैं, ऐसे मामले पुलिस की साख पर बट्टा लगाते हैं। मुंबई पुलिस के खार पुलिस स्टेशन की यह घटना देशभर में पुलिस व्यवस्था की साख पर गंभीर सवाल उठाती है।