मुंबई: मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से लापता हुए 69 वर्षीय अनिवासी भारतीय (NRI) को ढूंढ लिया गया है। 12 दिनों के बाद वह अपनी बेटी से मिला। अप्रवासी भारतीय, धर्मलिंगम पिल्लई याददाश्त खो जाने की बीमारी से पीड़ित है और वह दक्षिण अफ्रीका में रहते हैं।
30 जनवरी को वह और उनकी बेटी छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से डरबन जाने वाली उड़ान से कुछ घंटे पहले लापता हो गए थे।
अपने जन्मदिन पर आए थे भारत
धर्मलिंगम पिल्लई एक सेवानिवृत्त क्लर्क हैं और उनकी बेटी लॉजिस्टिक फील्ड में एक वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं। पिल्लई अपने जन्मदिन के अवसर पर भारत आए थे। एक अधिकारी ने बताया कि उनके दादा दक्षिण अफ्रीका गए थे और तब से परिवार डरबन में ही बस गया था।
चलाया गया तलाशी अभियान
31 जनवरी को सहार पुलिस स्टेशन में एक लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज की गई थी, जिसके बाद पिल्लई की तस्वीर और अन्य जानकारी वाले लगभग 7,000 हैंडबिल और पोस्टर प्रिंट किए गए। उनकी बेटी और मुंबई में दक्षिण अफ्रीकी महावाणिज्य दूतावास के कार्यालय की मदद से शहर में हर जगह उनकी तस्वीरें प्रसारित किए गए।
शहर की पुलिस ने पिल्लई के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी जानकारी साझा की थी। मामले की जांच के लिए कई पुलिस टीमों का गठन किया गया और उन्होंने पिल्लई की तलाश के लिए विभिन्न स्थानों के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की।
दो नागरिकों ने दी लापता NRI की जानकारी
सोशल मीडिया और समाचार के माध्यम से लापता एनआरआई के बारे में दो नागरिकों को जानकारी मिली। दोनों ने 12 फरवरी को खार में 14 वीं रोड पर पिल्लई को भटकते हुए देखा था। उन्होंने उससे पूछताछ की और फिर इसके बारे में पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया। एक टीम को वहां भेजा गया और पिल्लई की बेटी के साथ भी जानकारी साझा की गई। अधिकारी ने बताया कि पिल्लई को सहार पुलिस थाने लाया गया और 12 फरवरी की शाम को उसकी बेटी से मिलवाया गया।
पुलिस और मुंबई के निवासियों की हो रही तारीफ
सोशल मीडिया और तस्वीरों को साझा करने से पिल्लई का पता लगाया गया। इसमें पुलिस और नागरिकों ने एक साथ मिलकर काम करने का उदाहरण पेश किया है। एनआरआई का पता लगाने के लिए वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय गोविलकर और उप-निरीक्षक सुशांत बावाचकर और सुनील वागरे की टीमें शामिल थीं।