मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा बृहन्मुंबई महानगर पालिका के विभिन्न कार्यों में चिह्नित 12,024 करोड़ रुपये की “अनियमितताओं” की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा सोमवार देर रात जारी एक बयान में कहा गया है कि एसआईटी का नेतृत्व मुंबई पुलिस आयुक्त करेंगे। बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने एसआईटी गठित करने की मंजूरी दे दी है जो बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा पूर्व में किए गए विभिन्न कार्यों में 12,024 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं की जांच करेगी, जब महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार (नवंबर 2019 से जून 2022 तक) राज्य में सत्ता में थी। भारत का सबसे धनवान नगर निकाय वर्तमान में एक प्रशासक के अधीन है और इसके पार्षदों का कार्यकाल पिछले साल की शुरुआत में समाप्त हो गया था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के शीर्ष अधिकारियों और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जांच में शामिल करने के भी निर्देश दिये हैं। नगर निगम ने नवंबर 2019 से जून 2022 के दौरान कई काम किए। इस अवधि में कोविड-19 महामारी के दौरान किये गये काम भी शामिल हैं। मुंबई से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अमित साटम ने सीएजी द्वारा अपनी ऑडिट रिपोर्ट पेश करने के बाद कोविड-19 से संबंधित विभिन्न कार्यों में अनियमितताओं का दावा करते हुए शिंदे को एक पत्र लिखा था। साटम ने अपने पत्र में सीएजी रिपोर्ट द्वारा चिह्नित “अनियमितताओं” की एसआईटी जांच की मांग की थी।