
मुंबई। मुंबई एयरपोर्ट पर 6 मार्च को पकड़े गए 21.28 किलोग्राम सोने की तस्करी मामले में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की शिकायत के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अज्ञात सरकारी अधिकारियों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। दुबई से आए दो विदेशी नागरिकों (एक ओमान और एक यूएई निवासी) को विशेष खुफिया सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। उनके शरीर से सटी विशेष कमर बेल्ट में विदेशी मार्क वाली सोने की छड़ें छिपाई गई थीं, जिनकी कीमत लगभग 18.92 करोड़ रूपए बताई गई है। जांच में सामने आया कि आरोपी पहले भी कई बार मुंबई आ चुके हैं, जिससे एक संगठित तस्करी सिंडिकेट और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका गहराई है। डीआरआईने अपनी शिकायत में लिखा है कि दुबई से आने वाले यात्रियों की बार-बार यात्राएं और बड़े पैमाने पर सोने की तस्करी इस बात का संकेत देती हैं कि कुछ लोक सेवक जानबूझकर इस अवैध गतिविधि को नजरअंदाज कर रहे थे। इस आधार पर सीबीआई ने आपराधिक साजिश, लोक सेवकों को रिश्वत देने से संबंधित धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। एजेंसियों को शक है कि यह नेटवर्क दुबई या यूएई से संचालित हो रहा है और इसमें स्थानीय एजेंटों के साथ-साथ भारतीय अधिकारियों की भी संलिप्तता हो सकती है। सीबीआई अब संबंधित अधिकारियों की कॉल डिटेल्स, बैंक लेनदेन, एयरपोर्ट के सीसीटीवी फुटेज और यात्री डेटा की जांच करेगी। यह मामला न केवल तस्करी बल्कि संभावित सरकारी भ्रष्टाचार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से जुड़े नेटवर्क को उजागर कर सकता है।