
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने गणेश उत्सव से पहले एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) द्वारा एकतरफा समूह बुकिंग पर लागू की गई 30 प्रतिशत किराया वृद्धि को महज 24 घंटे में रद्द कर दिया है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने गुरुवार को घोषणा की कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देश पर यह निर्णय वापस लिया गया, जिन्होंने किराया वृद्धि पर अपनी “कड़ी नाराजगी” जताई थी। सूत्रों के अनुसार, आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनावों को देखते हुए यह निर्णय राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रेरित बताया जा रहा है। आशंका जताई गई थी कि यह बढ़ोतरी कोंकण क्षेत्र की मराठी प्रवासी आबादी को नाराज़ कर सकती है, जो गणेश उत्सव के दौरान बड़ी संख्या में अपने गांवों की ओर लौटती है। यह वर्ग न केवल सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील माना जाता है, बल्कि मुंबई के वोट बैंक समीकरणों में निर्णायक भूमिका भी निभाता है।
गणेशोत्सव और जन भावना की रणनीतिक गणना
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रताप सरनाईक ने स्पष्ट किया कि एमएसआरटीसी को पिछले वर्ष के गणेश उत्सव के दौरान बड़े पैमाने पर घाटा हुआ था। निगम ने 4,330 बसें तैनात की थीं, जिनमें से केवल 1,104 यात्रियों को लेकर वापस लौटीं। एकतरफा बुकिंग की प्रवृत्ति के कारण भारी मात्रा में बसें खाली लौटीं, जिससे ईंधन, चालक वेतन और ओवरटाइम जैसे खर्चे बढ़ गए। हालांकि, मंत्री ने यह स्वीकार किया कि चुनावी दृष्टिकोण और जनभावना को ध्यान में रखते हुए उन्होंने निर्णय को तत्काल प्रभाव से रद्द किया। उन्होंने कहा, “एमएसआरटीसी आम जनता की जीवनरेखा है, विशेष रूप से त्योहारों के दौरान। हमारा उद्देश्य वित्तीय नुकसान नहीं, बल्कि लोगों की सेवा है।”
आने वाले दिनों में वित्तीय बोझ बढ़ने की आशंका
एमएसआरटीसी इस वर्ष गणेशोत्सव के लिए 5,000 अतिरिक्त बसें तैनात करने की योजना बना रहा है। अधिकारी अनुमान लगा रहे हैं कि यदि एकतरफा बुकिंग फिर हावी रही, तो घाटा 13 से 16 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इसके बावजूद सरकार ने जनता की सहूलियत और सांस्कृतिक भावना को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
सरनाईक ने स्पष्ट किया कि, “हमारी प्राथमिकता लाभ नहीं बल्कि सेवा है। एमएसआरटीसी पिछले 77 वर्षों से राज्य के कोने-कोने तक किफायती और सुरक्षित परिवहन सेवा प्रदान कर रहा है। हम जनता की भावनाओं का सम्मान करते हैं, खासकर गणेश उत्सव जैसे त्योहारों में।”
मुनाफे से ज़्यादा जनसेवा: भविष्य में संशोधन की संभावना
मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि यदि भविष्य में किराए में संशोधन की आवश्यकता पड़ी तो वह दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा, लेकिन इस संवेदनशील चुनावी समय में कोई भी कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा। हम जानते हैं कि निजी बस ऑपरेटर त्योहारों के दौरान मनमानी कीमत वसूलते हैं। एमएसआरटीसी का किराया आज भी काफी कम है, फिर भी हमने जनता के लिए अपने निर्णय पर पुनर्विचार किया है।