
मुंबई। महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री नरहरि जिरवाल ने विधान परिषद में घोषणा की कि राज्य में ऑनलाइन खाद्य होम डिलीवरी सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए नागरिकों को जल्द ही एक टोल-फ्री नंबर उपलब्ध कराया जाएगा। यह कदम नागरिकों की बढ़ती शिकायतों और खाद्य गुणवत्ता को लेकर चिंता के मद्देनज़र उठाया जा रहा है। यह आश्वासन उन्होंने तब दिया जब सदस्य संदीप जोशी ने ज़ेप्टो, स्विगी और जोमैटो जैसी ऑनलाइन डिलीवरी कंपनियों की कार्यप्रणाली और खाद्य सुरक्षा पर सवाल उठाए। इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, एकनाथ खडसे, सत्यजीत तांबे, प्रवीण दारकेकर, उमा खापरे, भाई जगताप, चित्रा वाघ, डॉ. परिणय फुके और सदाशिव खोत ने भी चर्चा में भाग लिया। मंत्री जिरवाल ने बताया कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत राज्य में 43 ई-कॉमर्स खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया, जिनमें कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। कई गोदामों में अस्वच्छता, एक्सपायरी खाद्य वस्तुएं और भंडारण नियमों का उल्लंघन पाया गया। इस पर 34 प्रतिष्ठानों को सुधार नोटिस भेजे गए, एक का लाइसेंस निलंबित किया गया, जबकि पांच प्रतिष्ठानों को बंद करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये ई-कॉमर्स कंपनियां केंद्र सरकार से लाइसेंस प्राप्त करती हैं, लेकिन इनके स्थानीय गोदामों का राज्य स्तर पर लाइसेंस और निरीक्षण किया जाता है। इसलिए राज्य सरकार इन गोदामों की नियमित निगरानी बढ़ा रही है। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि नागरिकों की शिकायतों के निवारण के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन जल्द ही शुरू की जाएगी, जिससे लोग सीधे विभाग तक अपनी शिकायतें पहुंचा सकें।