
मुंबई। भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर हर साल लाखों श्रद्धालु मुंबई के दादर स्थित चैत्यभूमि पहुँचते हैं। इस विशाल जनसमूह के सुचारू प्रबंधन और नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, महाराष्ट्र के मुख्य सचिव राजेश कुमार ने सभी संबंधित विभागों को समन्वय स्थापित कर विस्तृत कार्ययोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर चैत्यभूमि और शिवाजी पार्क में की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार को मंत्रालय में मुख्य सचिव राजेश कुमार की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश अग्रवाल, मुंबई महानगरपालिका की अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी जोशी, सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय के प्रमुख सचिव और महानिदेशक बृजेश सिंह, मुंबई कलेक्टर आंचल गोयल, मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती, कोंकण के अतिरिक्त संभागीय आयुक्त सिद्धार्थ सलीमथ, सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त सचिव एस.ना.बागुल, नगरीय विकास विभाग की संयुक्त सचिव विद्या हंपया, महापरिनिर्वाण दिवस समन्वय समिति के महासचिव नागसेन कांबले सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि चैत्यभूमि क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए मंडप, पेयजल और अन्य आवश्यक सुविधाएँ समय पर उपलब्ध कराई जाएँ। उन्होंने यातायात पुलिस को दादर और आसपास के इलाकों में प्रभावी ट्रैफिक नियंत्रण और दिशा-निर्देश सुनिश्चित करने का आदेश दिया। श्रद्धालुओं के मार्गदर्शन के लिए प्रमुख स्थलों पर सूचना पट्ट लगाने, भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त कर्मियों की तैनाती और सभी विभागों द्वारा अपनी जिम्मेदारियों का समुचित निर्वहन करने पर बल दिया गया। बैठक में भोजन वितरण, स्वास्थ्य सेवाएँ, सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल और स्वच्छता सुविधाएँ, सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, विद्युत आपूर्ति, पुस्तक स्टॉल की व्यवस्था और सरकारी प्रचार-प्रसार से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। महापरिनिर्वाण दिवस समन्वय समिति के महासचिव नागसेन कांबले ने समिति की ओर से विभिन्न माँगें प्रस्तुत कीं, वहीं मुंबई नगर निगम ने श्रद्धालुओं के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं की जानकारी एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी। राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि डॉ. आंबेडकर के अनुयायियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुविधाजनक, सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराना प्राथमिक लक्ष्य है, ताकि यह ऐतिहासिक दिन श्रद्धा और अनुशासन के साथ संपन्न हो सके।




