
मुंबई। चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने आगामी समय में लंबित कार्यों को तत्काल पूरा करने और नए स्थायी तथा प्रभावी कार्यों के लिए योजनाएं क्रियान्वित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने मंत्रालय में कार्यभार संभालने के बाद, विभागीय कार्यों की समीक्षा की। इस बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश वाघमारे, उप सचिव अनिल अहेर, उप सचिव शंकर जाधव, उप सचिव तुषार पवार, उप सचिव श्वेतांबरी खाड़े, निदेशक (आयुष) डॉ. रमन घोंगलकर, कोल्हापुर जिले के आयुर्वेद कॉलेज कागल की डीन डॉ. वीणा पाटिल, और शासकीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय, उत्तरुर कॉलेज की डीन डॉ. भाग्यश्री खोत उपस्थित थे। मंत्री मुश्रीफ ने 2024-25 तक मुंबई और नासिक में 50-50 छात्रों की क्षमता वाले नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की। साथ ही, अंबरनाथ (ठाणे जिला), गढ़चिरौली, हिंगोली, वाशिम, अमरावती, बुलढाणा, और जालना में 100-100 छात्रों की क्षमता वाले नए सरकारी मेडिकल कॉलेज भी खोले जाएंगे। इस निर्णय के तहत भंडारा जिले में भी महाविद्यालय खोलने की प्रक्रिया को भी समीक्षा की गई।
सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों पर जोर
मंत्री ने सभी सरकारी अस्पतालों को सुपर-स्पेशियलिटी बनाने पर विशेष ध्यान देने का वादा किया। यह कदम राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उठाया जाएगा। मंत्री मुश्रीफ ने मशीनरी फंड वितरण एवं पुनर्विनियोजन के माध्यम से धन के प्रावधान की समीक्षा की और आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विभिन्न योजनाओं की भी विस्तार से समीक्षा की।
आयुर्वेद और होम्योपैथी कॉलेजों की स्थिति
कोल्हापुर जिले के कागल तालुका में स्थित सरकारी आयुर्वेद कॉलेज, कागल में सरकारी होम्योपैथी कॉलेज और अजरा में उत्तरूर प्राकृतिक चिकित्सा कॉलेज के संबंध में भी समीक्षा की गई। मंत्री मुश्रीफ ने इस मौके पर कहा कि राज्य में चिकित्सा शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए यह निर्णय महत्वपूर्ण हैं, और आगामी समय में इन योजनाओं को क्रियान्वित करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी जाएगी।