
मुंबई। हाल के वर्षों में हुए अपने सबसे बड़े विनाश अभियानों में से एक में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की मुंबई जोनल यूनिट ने 1,835 किलोग्राम मेफेड्रोन और 341 किलोग्राम अन्य जब्त नशीले पदार्थों का सुरक्षित निपटान किया। यह पूरा जखीरा महाराष्ट्र और दिल्ली के कई इलाकों से जब्त किया गया था और एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग केस से जुड़ा था, जिसमें एक विदेशी नागरिक सहित को 16 आरोपियों गिरफ्तार किया जा चुका है।
अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा, देशभर में छापे और गिरफ्तारियाँ
एनसीबी अधिकारियों के अनुसार, इतने बड़े पैमाने पर बरामद किए गए नशीले पदार्थों की जांच में एक घनिष्ठ और सुव्यवस्थित अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। यह नेटवर्क कई राज्यों और विदेशी तस्करों से जुड़ा हुआ था, जो बड़े पैमाने पर मेफेड्रोन की सप्लाई और वितरण में शामिल थे। जांच के दौरान कई स्थानों पर छापेमारी और गिरफ्तारियाँ की गईं, जिससे स्पष्ट हुआ कि यह सिंडिकेट देशभर में एक मजबूत सप्लाई चेन के रूप में काम कर रहा था। नशीले पदार्थों के निपटान की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार गठित हाई लेवल ड्रग डिस्पोज़ल कमेटी (HLDDC) की निगरानी में पूरी की गई। इस समिति में एनसीबी के उप महानिदेशक (दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र), एनसीबी मुंबई जोनल यूनिट के अतिरिक्त निदेशक, पुणे पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त शामिल थे। एनसीबी ने इस अभियान को संगठित ड्रग सिंडिकेट तोड़ने और देश में नशीले पदार्थों की अवैध सप्लाई चेन पर प्रहार करने की दिशा में बड़ा कदम बताया। ब्यूरो ने 2047 तक ‘नशा मुक्त भारत’ के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े ड्रग नेटवर्क को तोड़ने के लिए आगे भी आक्रामक कार्रवाई जारी रहेगी। अंत में, एनसीबी ने नागरिकों से अपील की कि वे नशीली दवाओं से जुड़ी किसी भी गतिविधि की जानकारी राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन ‘मानस’ 1933 पर दें। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि सूचना देने वालों की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।




