
अहिल्यानगर। विश्व प्रसिद्ध शनि शिंगणापुर देवस्थान के प्रशासन में शनिवार को बड़ा बदलाव हुआ। ज़िला कलेक्टर डॉ. पंकज आशिया ने सुबह 11 बजे देवस्थान पहुँचकर प्रशासक का कार्यभार संभाला। इस अवसर पर विधायक विट्ठलराव लांघे समेत भाजपा और शिवसेना के कई पदाधिकारी मौजूद रहे। विधायक लांघे ने देवस्थान के अतिथि गृह में डॉ. आशिया का स्वागत किया। राज्य सरकार ने 22 सितम्बर को आदेश जारी कर शनि शिंगणापुर देवस्थान के न्यासी मंडल को भंग कर दिया था। साथ ही देवस्थान प्रबंधन अधिनियम, 2018 लागू करते हुए ज़िला कलेक्टर को अस्थायी प्रशासक नियुक्त किया गया है। सरकार ने संकेत दिया है कि जल्द ही नए न्यासी मंडल का गठन किया जाएगा। कार्यभार संभालने से पहले डॉ. आशिया ने उदासी महाराज मठ में अभिषेक कर शनिदेव के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि देवस्थान का प्रशासन अब पूरी तरह पारदर्शी और भक्त-केंद्रित होगा। हमारा प्रयास रहेगा कि श्रद्धालुओं की आस्था और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। इस मौके पर विधायक लांघे ने भी भरोसा दिलाया कि प्रशासन श्रद्धालुओं के अनुकूल बनाया जाएगा और नए न्यासी मंडल में स्वतंत्र अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कलेक्टर डॉ. आशिया ने कहा कि वे अभिनंदन स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि भारी बारिश से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिले में हुए फसल नुकसान का पंचनामा कर किसानों को भरपाई दिलाई जाएगी। मंदिर कार्यालय अधीक्षक वाघ से कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने फाइलों पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में भाजपा के ऋषिकेश शेटे ने पूर्व प्रशासन की आलोचना की, जबकि मराठा महासंघ के संभाजी दहातोंडे ने आभार व्यक्त किया। इस बदलाव के साथ शनि शिंगणापुर देवस्थान के एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। श्रद्धालु अब पारदर्शी, कुशल और विश्वासपूर्ण प्रशासन की उम्मीद कर रहे हैं।