
पालघर। वसई के सतीवली स्थित श्री हनुमंत विद्या मंदिर स्कूल का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। यह कार्रवाई एक शिक्षक द्वारा छात्रा काजल उर्फ अंशिका गौड़ को 100 उठक-बैठक की सज़ा दिए जाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने और बाद में मौत हो जाने के मामले में की गई है। इस गंभीर घटना के बाद न केवल वसई बल्कि पूरे महाराष्ट्र में स्कूलों में छात्र सुरक्षा को लेकर नियमों को सख्त कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए स्कूलों में किसी भी प्रकार की शारीरिक सज़ा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है और गंभीर मामलों में अनिवार्य रूप से पुलिस कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। मामले को प्रशासनिक लापरवाही मानते हुए पालघर ज़िला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज रानाडे ने तीन अधिकारियों— वसई प्रभारी गट शिक्षा अधिकारी पांडुरंग गलंगे, वसई पंचायत समिति शिक्षा विस्तार अधिकारी राजेंद्र उबाले और वालिव क्लस्टर प्रमुख कैलाश चव्हाण को निलंबित कर दिया है। इन अधिकारियों पर वरिष्ठ अधिकारियों को समय पर सूचना न देने, छात्रों की सुरक्षा में लापरवाही बरतने और बिना मान्यता वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई न करने के आरोप हैं। छात्रा की मौत ने शिक्षा व्यवस्था में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसके बाद राज्य सरकार और शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का संकेत दिया है।




