Sunday, December 22, 2024
Google search engine
HomeIndiaMaharashtra: CM शिंदे की कर्मचारियों से अपील के बाद भी चौथे दिन...

Maharashtra: CM शिंदे की कर्मचारियों से अपील के बाद भी चौथे दिन हड़ताल जारी, HC ने सरकार से किया ये सवाल

Maharashtra : महाराष्ट्र में सेवा के दौरान मौत होने पर परिवार को पेंशन देने की योजना की सरकार की घोषणा के बावजूद हजारों सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल करने की मांग को लेकर अपनी हड़ताल शुक्रवार को लगातार चौथे दिन जारी रखी. इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कर्मचारियों से बात करने के लिए आगे आने की अपील की है. वहीं दूसरी ओर बंबई हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार से शुक्रवार को पूछा कि गैर-कानूनी हड़तालों के खतरों को रोकने के लिए वह क्या कर रही है?

वहीं अब हड़ताल की वजह से सरकारी सेवाएं प्रभावित हैं. जबकि, हड़ताली कर्मचारी के संगठनों के साझा मंच ने आरोप लगाया कि गतिरोध दूर करने के लिए सरकार कोई पहल नहीं कर रही है. इसलिए शनिवार को भी हड़ताल जारी रहेगी. मुख्यमंत्री शिंदे ने नये सिरे से अपील करते हुए मीडिया से कहा कि कर्मचारी बातचीत की मेज पर आएं. सीएम ने कहा कि, ‘हमने पुरानी पेंशन योजना का अध्ययन करने के लिए तीन-सदस्यीय समिति बनाई है और यह अपनी रिपोर्ट तीन महीने में देगी.’

राज्य मंत्रिमंडल ने किया ये फैसला
इस बीच राज्य मंत्रिमंडल ने फैसला किया कि सेवा अवधि में कर्मचारी की मौत होने पर पारिवारिक पेंशन की सुविधा उसके आश्रित को दी जाएगी. मौजूदा समय में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत राज्यकर्मी की मौत होने पर 10 लाख रुपये की अनुकंपा राशि दी जाती है. हालांकि, पेंशन का विकल्प लेने वाले परिवार को अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा. राज्य सरकार के कर्मचारियों, अर्द्ध-सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के करीब 35 संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली समिति के संयोजक विश्वास काटकर ने कहा कि,’कर्मचारियों की मौत होने पर एनपीएस के तहत लाभ देने का फैसला किया गया है, लेकिन उनका क्या जो जिंदा हैं और जिन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से इनकार किया जा रहा है.’

आमजन को न हो परेशानी- कोर्ट
वहीं कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस.वी. गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की खंडपीठ ने हड़ताल के खिलाफ वकील गुणरत्न सदावर्ते द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आम लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए. याचिका में शिक्षण और मेडिकल क्षेत्र के कर्मचारियों सहित अन्य सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल को तत्काल वापस लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने की मांग को लेकर राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इससे राज्य में प्रशासनिक कामकाज और कई सेवाएं प्रभावित हो रही हैं.

कोर्ट ने सरकार से किया सवाल
वहीं वकील बीरेंद्र सराफ ने कोर्ट को बताया कि हड़ताल अवैध है और उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है कि हड़ताल के कारण किसी भी व्यक्ति को परेशानी न हो. बेंच ने सरकार से स्पष्ट रूप से यह बताने को कहा कि वह बुनियादी सुविधाओं व आवश्यक सेवाओं तक जनता की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठा रही है. कोर्ट ने कहा कि, ‘हमें चिंता है आम नागरिक आवश्यक सेवाओं से वंचित न रह जाएं. आम नागरिकों को परेशानी नहीं होनी चाहिए. हम जानना चाहते हैं कि इस खतरे को रोकने के लिए राज्य सरकार क्या कदम उठा रही है. लोगों को बुनियादी सुविधाएं और आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार क्या कर रही है.’

कोर्ट ने मामले को 23 मार्च के लिए मार्क करते हुए कहा कि लोगों को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह उचित कार्रवाई करे ताकि किसी को परेशानी न हो.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments