
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के 29 नगर निगमों, जिनमें बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) भी शामिल है, के लिए लंबे समय से लंबित चुनावों की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए वार्ड सीमांकन से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत बीएमसी में अब कुल 227 वार्ड होंगे, जिनमें प्रत्येक वार्ड से एक नगरसेवक चुना जाएगा, जबकि अन्य नगर निगमों में प्रति वार्ड तीन से पांच के बीच नगरसेवक होंगे। अधिसूचना के अनुसार, बीएमसी आयुक्त को मसौदा परिसीमन योजना तैयार करने का कार्य सौंपा गया है। इस योजना में 2011 की जनगणना के अनुसार नगरसेवकों की संख्या को शहर की जनसंख्या से विभाजित कर प्रत्येक वार्ड की औसत जनसंख्या तय की जाएगी। मसौदे को अंतिम रूप देने से पूर्व नागरिक निकाय को आम जनता से आपत्तियाँ और सुझाव आमंत्रित कर उन्हें ध्यान में लेना होगा। अंतिम सीमांकन योजना को राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) की मंजूरी के बाद सार्वजनिक किया जाएगा। परिसीमन में स्पष्ट निर्देश हैं कि वार्डों की भौगोलिक निरंतरता बनी रहनी चाहिए। इसके लिए प्रमुख सड़कें, गलियाँ, नदियाँ, नाले, पहाड़ियाँ, रेलवे लाइनें और फ्लाईओवर जैसे प्राकृतिक या भौतिक तत्व सीमाओं के निर्धारण में उपयोग किए जाएंगे। किसी भी इमारत, चाल या घर को दो वार्डों में विभाजित नहीं किया जाएगा और अनुसूचित जाति व जनजातियों की बस्तियों को विभाजित करने से बचा जाएगा। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक वार्ड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों, बाजारों, जल-स्वच्छता सुविधाओं, स्कूलों और खेल के मैदानों जैसी बुनियादी सुविधाओं तक समुचित पहुंच सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के उस हालिया निर्देश के बाद आया है जिसमें एसईसी को ओबीसी आरक्षण और परिसीमन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ाने का आदेश दिया गया था। राज्य में ये नगर निकाय चुनाव पिछले दो वर्षों से लंबित हैं। आगामी चुनाव बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में होंगे, जहां भाजपा, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की महायुति और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं के बीच सीधी टक्कर होने की संभावना है। हालांकि स्थानीय स्तर पर दल अपने-अपने समीकरणों और क्षेत्रीय समीक्षाओं के आधार पर स्वतंत्र रणनीतियाँ अपनाते हुए चुनाव लड़ सकते हैं। गौरतलब है कि पिछली बार बीएमसी चुनाव में भाजपा ने उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए शिवसेना के करीब पहुंच गई थी। शिवसेना ने 84, भाजपा ने 82, कांग्रेस ने 31 और एनसीपी ने 9 सीटें जीती थीं, जबकि शेष सीटों पर मनसे, सपा, एआईएमआईएम और निर्दलीयों का कब्जा था। इस अधिसूचना के साथ राज्य सरकार ने चुनावी प्रक्रिया को औपचारिक रूप से गति दे दी है और बीएमसी सहित अन्य नगर निगमों में लोकतांत्रिक शासन की बहाली की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।