कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने कहा था कि वो राज्यपाल का पद छोड़ना चाहते हैं और सेवानिवृत जीवन जीना चाहते हैं. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा था कि वो अब अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य आराम की गतिविधियों में बिताना चाहते हैं. भगत सिंह कोश्यारी ने ये भावना पिछले सप्ताह मुंबई यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने व्यक्त किया था. अब अगर महाराष्ट्र के राज्यपाल अपना पद छोड़ देते हैं तो इनका जगह कौन लेगा. इस वक्त दो नाम काफी चर्चा में है जिसे महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया जा सकता है. ये दो नाम ओम माथुर और सुमित्रा महाजन के हैं. आइये जानते हैं कौन हैं ओम माथुर और सुमित्रा महाजन. आइये जानते हैं इनके बारे में सबकुछ.
कौन हैं सुमित्रा महाजन?
सुमित्रा महाजन का जन्म 12 अप्रैल 1943 में हुआ था. सुमित्रा महाजन एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो 2014 से 2019 तक भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा की अध्यक्ष थीं. उन्होंने 1989 से 2019 तक मध्य प्रदेश के इंदौर निर्वाचन क्षेत्र का सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली महिला सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने 1999 से 2004 तक मानव संसाधन विकास, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के विभागों को संभालने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में भी काम किया है.
उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर स्थायी समिति (2004-2009) और ग्रामीण विकास पर स्थायी समिति (2009-2014) के अध्यक्ष का पद भी संभाला. वह 16वीं लोकसभा में संसद की महिला सदस्यों में सबसे बड़ी और सबसे वरिष्ठ थीं. मीरा कुमार के बाद लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुनी जाने वाली वह दूसरी महिला हैं. उन्हें 2021 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
कौन हैं ओम प्रकाश माथुर?
ओम प्रकाश माथुर का जन्म 2 जनवरी 1952 को हुआ था. माथुर बीजेपी के एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं. ओम माथुर महासचिव- गुजरात बीजेपी के प्रभारी भी रह चुके हैं. वह राजस्थान में पाली जिले की बाली तहसील में फालना के पास बेदल गांव से हैं. 1952 में जन्मे, उन्होंने बी.ए. राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाने वाले माथुर पहले गुजरात और उत्तर प्रदेश के प्रभारी रह चुके हैं. उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जीत में माथुर का योगदान अहम माना जाता है. माथुर आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचारक भी रह चुके हैं.