
मुंबई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी उभरती तकनीकें उद्योगों, जीवनशैली और पर्यावरणीय प्रथाओं को तेजी से बदल रही हैं। इसी संदर्भ में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बच्चों से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार होने का आह्वान किया। वे प्रभादेवी स्थित पुल देशपांडे अकादमी में STEM और ब्रिलियो के संयुक्त प्रयासों से आयोजित राष्ट्रीय रोबोटिक्स प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर STEM के सीईओ आशुतोष पंडित, ब्रिलियो के वैश्विक प्रमुख अभिषेक रंजन और देशभर के छात्र-शिक्षक उपस्थित थे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने देश की पहली पर्यावरण और स्थिरता प्रयोगशाला का उद्घाटन किया और इसे छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा और जागरूकता बढ़ाने की दिशा में अहम कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशाला युवा दिमागों को नवाचार और अनुसंधान के लिए प्रेरित करेगी तथा विज्ञान-तकनीक में राज्य को आगे बनाए रखेगी। कार्यक्रम के दौरान फडणवीस ने रोबोटिक्स और मॉडल-निर्माण प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया। प्रथम पुरस्कार 1 लाख रुपए के साथ पुणे के एस. डी. गणेश स्कूल को मिला, दूसरा पुरस्कार जादवपुर विश्वविद्यालय को और तीसरा स्थान रानी सरलादेवी हाई स्कूल, बेंगलुरु ने हासिल किया। इसके अलावा मेघालय, आदुगोडी, सराय ख्वाजा और हरियाणा के सरकारी स्कूलों के छात्रों को भी STEM कार रेस और मॉडल-मेकिंग प्रोजेक्ट के लिए सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि STEM संगठन ने अब तक 20 लाख से अधिक छात्रों को प्रभावित किया है और 30,000 से अधिक शिक्षकों को व्यावहारिक मॉडल, मिनी विज्ञान केंद्रों और नवीन शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया है। STEM को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, पर्यावरण जागरूकता और सतत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को से भी मान्यता प्राप्त है। ब्रिलियो के वरिष्ठ निदेशक अभिषेक रंजन ने कहा कि उनके कार्यक्रम 20 से अधिक राज्यों में विज्ञान शिक्षा को आकार दे रहे हैं और 2030 तक दस लाख बच्चों तक पहुँचने का लक्ष्य है।