Maharashtra : मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के सहायक कुंदन शिंदे को शुक्रवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में ज़मानत दे दी, जिसकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है. शिंदे के वकील अनिकेत निकम ने बताया कि विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस एच ग्वालानी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता देशमुख के निजी सहायक के तौर पर काम करने वाले शिंदे की जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया.
लगे थे ये आरोप
शिंदे डेढ़ साल से अधिक समय तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद शुक्रवार शाम को आर्थर रोड जेल से रिहा हो गए. विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दायर अपनी जमानत याचिका में शिंदे ने अपने निर्दोष होने का दावा किया था और कहा था कि वह किसी भी गतिविधि या अपराध में शामिल नहीं थे, जैसा कि सक्षम प्राधिकारी ने आरोप लगाया था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के मामले में जून 2021 में शिंदे को गिरफ्तार किया था और बाद में सीबीआई ने उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में अपनी हिरासत में ले लिया था. विशेष पीएमएलए अदालत ने बुधवार को धन शोधन मामले में शिंदे की ज़मानत याचिका को स्वीकार कर लिया था. मामले के अन्य आरोपियों में देशमुख और बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे शामिल हैं. देशमुख को जमानत मिल गई है, जबकि वाजे अब भी न्यायिक हिरासत में हैं.
क्या था मामला?
मार्च 2021 में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये एकत्र करने का लक्ष्य पुलिस अधिकारियों को दिया था. साल 2021 में मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक वाली एक गाड़ी मिलने के मामले में गिरफ्तार पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे ने भी इसी तरह के आरोप लगाए थे. उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2021 में सीबीआई को शुरुआती जांच करने का निर्देश दिया था.