मुंबई। महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों के बीच सरगर्मियाँ तेज़ हो गई हैं। महाविकास अघाड़ी (एमवीए) और महायुति दोनों ही अपने-अपने चुनावी समीकरणों को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। महाविकास अघाड़ी, जिसमें शिवसेना (उद्धव गुट), कांग्रेस, और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं, के अंदर मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पिछले कुछ दिनों से एमवीए के घटक दलों के बीच बैठकें लगातार हो रही हैं, लेकिन सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है। कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के नेताओं के अलग-अलग बयानों से इस असमंजस की स्थिति और गहरी हो गई है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने हाल ही में बयान दिया कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद के चेहरे नहीं हैं। इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी सहमति जताते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। इस बयान के बाद शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा है, तो उसे सामने लाएं। उन्होंने यह भी कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे ही मुख्यमंत्री पद के चेहरे थे, और अगर इस बार कांग्रेस के पास कोई अलग चेहरा है, तो वह उसे समर्थन देने के लिए तैयार हैं। संजय राउत ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कोई विवाद नहीं है, लेकिन यह चेहरा ऐसा होना चाहिए जिसे सारा महाराष्ट्र पसंद करे। उन्होंने कांग्रेस से यह भी आग्रह किया कि वे स्पष्ट करें कि उनके पास मुख्यमंत्री पद के लिए कौन-कौन से चेहरे हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पद के चेहरे को घोषित करने की परंपरा नहीं रही है, और इस बार भी परंपरा के अनुसार ही चलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता पक्ष के पास भी कोई स्पष्ट मुख्यमंत्री चेहरा नहीं है। इस विवाद और असमंजस के बीच, महाविकास अघाड़ी को यह तय करना होगा कि वह आगामी चुनाव में किस चेहरे के साथ जनता के सामने जाएगी, क्योंकि यह चुनावी समीकरण और गठबंधन की मजबूती के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा।