मुंबई: महाराष्ट्र में कसबा और चिंचवड विधानसभा उपचुनावों के नतीजे गुरुवार की दोपहर तक सबके सामने होंगे। सत्ताधारी बीजेपी के सामने अपनी दोनों सीटें बचाने की चुनौती है। बीजेपी के विधायकों लक्ष्मण जगताप और मुक्ता तिलक की मौत के बाद पुणे जिले की दोनों सीटों पर उपचुनाव कराने पड़ रहे हैं। वैसे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत बीजेपी के लगभग सभी नेताओं ने दोनों सीटें जीतने का विश्वास सार्वजनिक तौर पर व्यक्त किया है। पर आश्चर्यजनक तौर पर पार्टी के परंपरागत गढ़ रहे कसबा सीट पर पार्टी को कड़ी टक्कर मिलने की बात कही जा रही है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत मंत्रियों और नेताओं की पूरी ताकत पार्टी ने इस सीट पर झोंक दी थी। विरोधियों की ओर से चुनाव क्षेत्र में भारी पैमाने पर पैसे बांटे जाने के आरोप भी लगाए गए। तीस साल से बीजेपी के कब्जे में रही कसबा सीट सरक सकती है, उच्चतम स्तर पर उठ रही है ऐसी चर्चा ने राजनीतिक विश्लेषकों को भी चकरा दिया है।
इस सीट पर बीजेपी के हेमंत रासने और कांग्रेस के रवींद्र धंगेकर के बीच सीधा मुकाबला है। इस सीट पर पिछले मुकाबले इकतरफा बीजेपी के पक्ष में रहे हैं। वैसे, महाराष्ट्र विकास आघाडी के तीनों दलों ने तारतम्य साधते हुए मिलकर लड़ाई लड़ी है। बीजेपी को इसकी अपेक्षा नहीं थी। फिर भी पार्टी के स्तर पर 40 स्टार वक्ताओं का गली-गली प्रचार और संगठन के कार्यकर्ताओं का वोटरों से हुआ प्रत्यक्ष संवाद बीजेपी के हक में रहे हैं। इसी पूंजी का बदौलत पार्टी इस बार भी सफल रहेगी, यह उम्मीद पार्टी के नेता लगाए हुए हैं।
चिंचवड में बीजेपी को मिलेगी जीत?
वहीं, चिंचवड विधानसभा उपचुनाव में शिवसेना के बागी राहुल कलाटे की वजह से हो रहे तिकोने मुकाबले से फायदा मिलने की उम्मीद में बीजेपी ज्यादा आशावान है। बहरहाल, कसबा की तुलना में एनसीपी और शिवसेना के इस सीट पर कहीं मजबूत संगठन रहे हैं। चिंचवड में बीजेपी ने दिवंगत विधायक की पत्नी अश्विनी जगताप पर दांव लगाया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि एनसीपी के नाना काटे से उनका सीधा मुकाबला होता तो कठिनाई बढ़ सकती थी। पिछले चुनाव में भी कलाटे ने निर्दलीय खड़े होकर बीजेपी के वोट काटे थे। इस बार भी वे शिवसेना के परंपरागत वोट काटकर मुकाबला आसान बनाएंगे, इस रणनीति को पार्टी के नेता कारगर मान रहे हैं। इधर कलाटे ने भी ऐसी चुनौती खड़ी कर दी है कि वे भी चुनाव में पाला मार सकते हैं, ऐसा विश्वास वे चुनाव क्षेत्र में खड़ा करने वे कामयाब रहे हैं। बहरहाल, दोनों उपचुनाव के नतीजों बीजेपी को लेकर बहुत महत्व रखते हैं। दोनों सीटें बरकरार रहें, तो शिंदे-फडणवीस सरकार की लोकप्रियता के मानक के तौर पर पार्टी इसे पेश करना चाहेगी।
पहले कसबा, फिर चिंचवड का रिजल्ट
कसबा सीट की मतगणना कोरेगांव, पुणे के एफसीआई गोदाम में सुबह आठ बजे शुरू होगा। कुल 20 राउंड तक काउंटिंग चलेगी। वहीं चिंचवड की मतगणना थेरगाव के शंकर अण्णा गावडे मैदान में होनी है। यहां वोटों की काउंटिंग में कसबा की तुलना में दो गुना समय लग सकता है, क्योंकि यहां 47 राउंड तक काउंटिंग चलनी है। दोनों सेंटरों पर पोस्टल बैलेट के लिए एक टेबल और ईवीएम मशीनों से गिनती के लिए 14-14 टेबलों की व्यवस्था की गई है। एक दिन पहले बुधवार को वोटों की गिनती करवाने के लिए नियुक्त स्टॉफ को पूरी प्रक्रिया की ट्रेनिंग दी गई।