
मुंबई। मुंबई पुलिस ने अचीव इंटरनेशनल की वरिष्ठ वीज़ा काउंसलर आकांक्षा राजेंद्र तिवारी को एक नेपाली दंपत्ति से नौकरी और लंदन का वर्क वीज़ा दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता विकास खाटिवेड़ा, जो मूल रूप से नेपाल के निवासी और पेशे से इंजीनियरिंग कंसल्टेंट हैं, अपनी पत्नी मोनिका दहल के साथ लंदन में रोजगार के अवसर तलाश रहे थे। इसी दौरान सोशल मीडिया पर उन्हें अचीव इंटरनेशनल का विज्ञापन दिखाई दिया, जिसके बाद वे कांदिवली स्थित रघुलीला मॉल में कंपनी के कार्यालय पहुंचे। यहां आकांक्षा तिवारी ने उन्हें बताया कि लंदन वर्क वीज़ा और डिपेंडेंट वीज़ा के लिए करीब 25,000 पाउंड खर्च आएगा और प्रोसेस शुरू करने के लिए 2 लाख रुपये अग्रिम जमा करने होंगे। दंपत्ति ने अपने पासपोर्ट के साथ यह राशि जमा कर दी। इसके बाद आकांक्षा तिवारी और कंपनी के मालिक रोहित सोंगारा के निर्देश पर दंपत्ति ने जून 2024 से मई 2025 के बीच कुल 25,44,132 रुपये और ट्रांसफर किए। इस दौरान उन्हें बार-बार आश्वासन दिया गया कि वर्क परमिट और वीज़ा जल्द जारी कर दिए जाएंगे, लेकिन निर्धारित तारीख गुजर जाने के बाद भी न तो मोनिका को वर्क वीज़ा मिला और न ही विकास को डिपेंडेंट वीज़ा। जब दंपत्ति ने अपडेट मांगा तो आरोपी कथित तौर पर बहाने बनाने लगे और टालमटोल करने लगे। तय तारीख के बाद जब दंपत्ति कांदिवली कार्यालय पहुंचे तो वह बंद मिला। बाद में पता चला कि कंपनी मलाड स्थानांतरित हो गई है, लेकिन आरोपी वहां भी नहीं मिले। खुद को ठगा महसूस करते हुए और कुल 27,44,132 रुपये का नुकसान होने पर विकास ने कांदिवली पुलिस से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आकांक्षा तिवारी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के दौरान और भी पीड़ितों के सामने आने की संभावना है।




